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नए बिल में ऐसा क्या है जिससे नेताओं में हो गई हाथापाई, चले लात-घूसे; तेजस्वी के आगे झुक जाएंगे नीतीश?

बिहार विधानसभा में मंगलवार की देर शाम को जो हुआ वो इससे पहले कभी भी नहीं हुआ था। बिहार पुलिस और अन्य...
नए बिल में ऐसा क्या है जिससे नेताओं में हो गई हाथापाई, चले लात-घूसे;  तेजस्वी के आगे झुक जाएंगे नीतीश?

बिहार विधानसभा में मंगलवार की देर शाम को जो हुआ वो इससे पहले कभी भी नहीं हुआ था। बिहार पुलिस और अन्य सुरक्षा बल विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की महिला विधायकों को सदन से बाहर घसीटते हुए कैमरे में कैद हुए। यहां तक की विधायकों परो लाठी डंडे और लात-घूसे भी सुरक्षाबलों ने बरसाएं। सत्तारूढ़ दल एनडीए के विधायकों और महागठबंधन में भी हाथापाई की नौबत आ गई। कई विधायकों को चोटे भी आई है। अब इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला है। 

उन्होंने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। नीतीश कुमार पर हमला करते हुए तेजस्वी ने बुधवार को लगातार कई ट्वीट और वीडियो शेयर किए। तेजस्वी ने कहा, "नीतीश कुमार को इंद्रिय रस प्राप्त हो रहा होगा जब सदन में उनके गुंडे महिला विधायकों की साड़ी उतार उनके ब्लाउज में हाथ डाल जा रहा था। मां-बहन की भद्दी-भद्दी गालियां देकर बाल पकड़ कर घसीटा जा रहा था। इस शर्मनाक घटना के बाद रात्रि में 'निर्लज्ज कुमार' नृत्य-संगीत का आनंद उठा रहे थे।'

क्या है इस बिल में...

बिहार सैन्य पुलिस को अधिक अधिकारों से लैस करने की बात कही गई है। विधेयक में बिना वारंट तलाशी लेने की शक्ति के तहत कहा गया है कि विशेष सशस्त्र पुलिस बल के सक्षम अधिकारी को किसी घटना के बाद आशंका के आधार पर संदेहास्पद व्यक्ति की तलाशी और गिरफ्तारी कर सकता है। ऐसा करने के बाद वो गिरफ्तार व्यक्ति को अगली कानूनी कार्रवाई के लिए निकट के थाना को सौंप देगा। इससे बिना वारंट और बिना मजिस्ट्रेट की अनुमति के किसी संदिग्ध को गिरफ्तार करने का अधिकार मिल जाएगा।

इस तरह से शुरू हुआ पूरा मामला

दरअसल, ये पूरा वाकया बिहार सदन में लाए एक पुलिस बिल को लेकर हुआ है। मंगलवार को राज्य सदन में बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 पेश किया गया। इसका राजद ने जमकर विरोध किया और स्पीकर को सदन में आने से पहले ही घेर लिया। उसके बाद सदन के अंदर पुलिस और प्रशासन ने विधायकों को लात-घूसे चलाए, जिससे कई विधायकों को चोट आई। 

घटना के बाद तेजस्वी यादव ने कहा, "आज (मंगलवार) को बिहार विधानसभा की कार्यवाही के दौरान एक काला कानून पेश किया गया, जिसके विरोध में हम सब लोग खडे़ थे। लेकिन बिहार ही नहीं, देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि सदन के अंदर पुलिस बुलाई गई। एसपी और डीएम खुद विधायकों को पीट और घसीटकर बाहर कर रहे थे। महिला विधायक अनीता देवी, जो अतिपिछ़ड़ा समाज से भी आती हैं उनके बाल खींचकर, साड़ी खोलकर, घसीटकर ले जाया गया। आज के दिन को 'काला दिन' के रूप में देश की जनता याद रखेगी।"

इससे पहले भी दिन में सड़क पर और सदन का घेराव किए जाने के दौरान तेजस्वी यादव और उनके कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया था। कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने बड़बड़ तरीके से लाठियां चलाई। दरअसल, बिगड़ते कानून व्यवस्था, बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार के विरुद्ध मंगलवार को आरजेडी ने हल्ला बोला था। इस मामले में गांधी मैदान और कोतवाली में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, जगदानंद सिंह समेत 15 नामजद व तीन हजार अज्ञात कार्यकर्ताओं के विरुद्ध संबंधित क्षेत्र के दंडाधिकारियों की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई है।

बिल को लेकर विपक्ष का आरोप है कि इससे राज्य में पुलिसिया अत्याचार और बढ़ेंगे। तेजस्वी ने कहा कि विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक के रूप में काला कानून लाया गया है। तेजस्वी ने कहा कि आज कोई अपराधी अपराध करेगा तो बिना वारंट पुलिस उसे गिरफ्तार कर सकती है, लेकिन इस विधेयक के अनुसार पुलिस केवल विश्वास के आधार पर भी किसी को गिरफ्तार कर सकती है और जितने दिन तक चाहे हिरासत में रख सकती है। 

 

 

 

 

 

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