नगालैंड में भाजपा-एनडीपीपी गठबंधन ने नई सरकार बनाने की कवायद शुरू कर दी है। भाजपा का दावा है उसके पास सरकार बनाने का आंकड़ा है। हालाकि तीन बार मुख्यमंत्री रहे एनडीपीपी नेता नेफियू रियो को गठबंधन का नेता माना जा रहा है लेकिन भाजपा से अलग होकर चुनाव लड़ी एनपीएफ के नेता टी आर जेलियांग की दिलचस्पी भी भाजपा के साथ बताई जा रही है।
नगालैंड की 60 विधानसभा सीटों में से 59 के लिए वोटों की गिनती शनिवार को हुई जबकि रियो को कोहिमा जिले के नार्थन अंगामी-2 सीट से पहले ही निर्विरोध चुन लिया गया था। 2013 के विधानसभा चुनाव में केवल एक सीट जीतने वाली भाजपा की झोली में इस बार 12 सीटें आ गईं जबकि नवगठित नेशलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) ने 17 सीटें जीती हैं। एनपीएफ ने 27 सीटें जीती हैं जो 2013 के मुकाबले 11 सीटें कम हैं। नेशलिस्ट पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को दो सीटें मिली हैं जबकि जेडीयू ने एक सीट जीती है। भाजपा ने विभिन्न दलों को मिली सीटों के आधार पर सरकार बनाने की कसरत शुरू कर दी है।
भाजपा के महासचिव राममाधव का कहना है, ‘चुनाव से पूर्व हुए गठबंधन के पास बहुमत का आंकड़ा है और हम आराम से सरकार बनाने की स्थिति में हैं। हमें एनपीपी के अलावा एक जद(यू) और एक निर्दलीय का समर्थन मिल गया है जिससे हमारे पास सीटों का आंकड़ा 32 पर पहुंच गया है। भाजपा जल्द ही सरकार बनाने का दावा पेश करेगी।‘ एनडीपीपी के नेता रियो का भी दावा है कि गठबंधन आराम से सरकार बनाने की स्थिति में हैं। रिया का कहना है, ‘उनकी दो प्राथमिकताएं हैं। पहला नगा का राजनीतिक मुद्दा है जिसे हम जल्द से जल्द सुलझा लेंगे और दूसरे नगालैंड का समुचित विकास। मसलन सड़क, रेलवे और इंफ्रास्ट्रक्चर को गति देना।‘
उधर, नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) भी चुनाव से पहले भाजपा की सहयोगी रही है। इस बार वह भाजपा से अलग होकर चुनाव लड़ी और उसे 27 सीटें मिलीं यानी 2013 के मुकाबले उसे 11 सीटें कम मिली हैं लेकिन एनफीएफ के नेता और निर्वतमान मुख्यमंत्री टी आर जेलियांग ने भी भाजपा के साथ आने की दिलचस्पी दिखाई है।