इस बारे में सीआईडी ने पिछले हफ्ते ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को अपनी गोपनीय रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट पर विचार करने के लिए मुख्यमंत्री फडणवीस ने मंत्रियों की बैठक बुलाई, लेकिन मंत्रियों ने इसमें कोई उत्साह ही नहीं दिखाया।
मुंबई महापालिका सहित महाराष्ट्र में 195 नगरपरिषद और नगरपंचायतों के साथ-साथ 19 नई नगर पंचायतों का कार्यकाल मार्च 2017 में खत्म हो रहा है। राज्य चुनाव आयोग यहां चुनाव कराने की तैयारी में लगा है। सूत्रों के मुताबिक इन चुनावों के संभावित परिणामों पर सीआईडी ने एक रिपोर्ट तैयार की है।
सूत्र कहते हैं कि इस रिपोर्ट ने मुख्यमंत्री और भाजपा को तगड़ा झटका दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भाजपा अकेले चुनाव लड़ेगी तो उसके लिए अच्छा नहीं होगा। नगराध्यक्ष का चुनाव सीधे कराने से हालत और भी बदतर हो सकते हैं। राज्य के अधिकांश शहरों में नगराध्यक्ष भाजपा के नहीं आएंगे।
सूत्रों के मुताबिक सीआईडी की रिपोर्ट में बताया गया है कि मराठवाड़ा में शिवसेना सबसे आगे रहेगी जबकि पश्चिम महाराष्ट्र में राकांपा जीतेगी। वहीं, विदर्भ में कांग्रेस और भाजपा में जोरदार टक्कर होगी। कोकण में भी शिवसेना आगे रहेगी, जबकि खानदेश की स्थित फिलहाल साफ नहीं है। पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे को हटाने से उस क्षेत्र का मतदाता फडणवीस सरकार से खफा है। भाजपा को इसका नुकसान हो सकता है।
नए साल की शुरुआत में होने वाले और वर्तमान में कई सारे स्थानीय निकायों के चुनाव को लेकर मंत्रियों में कोई उत्साह ही नहीं है। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद भरोसेमंद सूत्र ने बताया कि बैठक में मंत्रियों ने मुख्यमंत्री की चिंता को लेकर कोई खास रिसपॉन्स नहीं दिया। इससे मुख्यमंत्री की परेशानी और बढ़ती दिखाई दे रही है।