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छत्तीसगढ़ के कई कद्दावर नेताओं के भाग्य का होगा फैसला, इन दस सीटों पर होगी नजर

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दूसरे दौर की वोटिंग जारी है। 19 जिलों की 72 सीटों पर मंगलवार मतदाता 1079...
छत्तीसगढ़ के कई कद्दावर नेताओं के भाग्य का होगा फैसला, इन दस सीटों पर होगी नजर

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दूसरे दौर की वोटिंग जारी है। 19 जिलों की 72 सीटों पर मंगलवार मतदाता 1079 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला कर रहे हैं। यहां भाजपा, कांग्रेस और जोगी-बसपा के कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, भाजपा के नौ मौजूदा मंत्री, नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल समेत कई कद्दावर नेता चुनावी मैदान में जनता के हवाले हैं। प्रदेश की कई विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां काफी कड़ा मुकाबला है। लिहाजा लोगों की दिलचस्पी इन सीटों पर है।

आइए इन 10 सीटों के बारे में जानते हैं जहां मुकाबला काफी रोचक है-

खरसिया सीट: पूर्व आईएएस ओपी चौधरी वर्चेस उमेश पटेल

राज्य की खरसिया विधानसभा सीट काफी हाई प्रोफाइल मानी जा रही है। इसे कांग्रेस की परंपरागत सीट मानी जाती है। कांग्रेस के दिवंगत नेता नंदकुमार पटेल इस सीट पर वंबे समय से काबीज रहे। नक्सली हमले में उनके मारे जाने के बाद उनके बेटे उमेश पटेल वहां से विधायक हैं। कांग्रेस ने पटेल पर फिर भरोसा जताया है। भाजपा इस सीट को कभी भी जीत नहीं सकी है।

मरवाही सीट: कांग्रेस से अलग अजीत जोगी मैदान में

प्रदेश की मरवाही सीट पर सबकी नजरें हैं। इस सीट पर अजीत जोगी मैदान में है। भाजपा से अर्चना पोर्ते और कांग्रेस से गुलाबसिंह राज से उनका मुकाबला है। यहां से अजीत जोगी दो बार और उनके बेटे अमित जोगी एक बार विधायक रहे हैं। कहा जा सकता है कि यहां की राजनीति पूरी तरह से जोगी के इर्द-गिर्द सिमटी है। जोगी ने ऐन वक्त पर यहां से चुनाव लड़ने का ऐलान करके मुकाबला काफी दिलचस्प बना दिया है। लेकिन कांग्रेस से अलग होकर नई पार्टी बनाने वाले अजीत जोगी क्या कर पाते हैं इस पर सबकी निगाहें हैं।

बिलासपुर सीट: मंत्री अमर अग्रवाल के खिलाफ कांग्रेस का नया चेहरा

राज्य की हाई प्रोफाइल सीट माने जाने वाली बिलासपुर विधानसभा सीट हमेशा से भाजपा का गढ़ रही है। यहां से बीजेपी के अमर अग्रवाल 4 बार जीते हैं। वह इस समय राज्य सरकार में मंत्री हैं। उनके खिलाफ इस बार कांग्रेस ने शिक्षाविद शैलेष पांडेय को उनके खिलाफ उतारा है। शैलेष पांडेय पहली बार चुनावी मैदान में है। ऐसे में मुकाबला काफी रोचक हो गया है।

रायपुर दक्षिण: बृजमोहन अग्रवाल वर्चेस कन्हैया अग्रवाल

रायपुर दक्षिण से भाजपा के कद्दावर नेता बृजमोहन अग्रवाल यहां से फिर मैदान में हैं। वहीं, कांग्रेस ने कन्हैया अग्रवाल पर दांव लगाया है। बृजमोहन अग्रवाल 1990 से अभी तक इस सीट से चुनाव नहीं हारे हैं। यहां से कुल 46 प्रत्याशी मैदान में हैं। इनमें से 23 यानी 50 फीसदी प्रत्याशी मुस्लिम हैं।

अंबिकापुर सीट: सिंहदेव वर्चेस सिंहदेव

अंबिकापुर विधानसभा सीट कांग्रेस के दिग्गज नेता टीएस सिंहदेव का मजबूत गढ़ मानी जाती है। वे कांग्रेस के सीएम पद के उम्मीदवार भी माने जा रहे हैं। सिंहदेव के खिलाफ भाजपा ने अनुराग सिंहदेव, बसपा ने सीताराम और आप ने साकेत त्रिपाठी को उतारा है। टीएस सिंहदेव लगातार दो बार से विधायक हैं।

सक्ति सीट: मेधारामसाहू से महंत का मुकाबला

प्रदेश सक्ति विधानसभा सीट भी इस बार चर्चा में है। यहां से कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. चरणदास महंत मैदान में हैं। महंत के खिलाफ भाजपा ने मेधाराम साहू को मैदान में उतारा है। यहां कांग्रेस की मजबूत स्थिति बताई जा रही है। महंत को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार भी माना जा रहा है।

कोटा सीट: इस बार कांग्रेस की नहीं जनता कांग्रेस की उम्मीदवार है रेणु जोगी

बिलासपुर जिले का कोटा विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस का सबसे मजबूत गढ़ माना जाता हॉ। यह ऐसी सीट है जिस पर 66 साल से कांग्रेस ने कब्जा जमाया है। हालांकि इस बार कांग्रेस ने अजीत जोगी की पत्नी रेणु जोगी की जगह विभोर सिंह को उतारा है तो वहीं रेणु जोगी अपने पति की पार्टी जोगी कांग्रेस से उम्मीदवार हैं।

चंद्रपुर सीट: हैट्रिक लगा पाएंगे जूदेव?

जांजगीर-चांपा जिले के चंद्रपुर विधानसभा सीट से भाजपा के दिलीप सिंह जूदेव के बेटे युद्धवीर सिंह जूदेव मैदान में हैं। युद्धवीर भाजपा से लगातार दूसरी बार जीतकर विधायक हैं। यहां से कांग्रेस ने किसान नेता रामकुमार को मैदान में उतारा है।

पाटन सीट: मोतीराम से भूपेश बघेल का मुकाबला

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की पाटन विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल चुनावी मैदान में है। उनका मुकाबला भाजपा के मोतीराम साहू से है। बता दें कि पिछले चुनाव में उन्हीं के भतीजे ने कड़ी टक्टर दी थी, लेकिन बघेल को जीत से रोक नहीं सके थे।

बिल्हा सीट: मुकाबला त्रिकोणीय होने की संभावना

बिल्हा से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, जोगी कांग्रेस से सियाराम कौशिक और कांग्रेस से पूर्व जिलाध्यक्ष राजेंद्र शुक्ला मैदान में हैं। यदि राजेंद्र और सियाराम एक-दूसरे के वोट काट गए तो धरमलाल को फायदा मिल सकता है। यहां मुकाबला पूरी तरह त्रिकोणीय नजर आ रहा है।

 

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