हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या के बाद एक तरफ भाजपा के भीतर दलित नेतृत्व में जबर्दस्त बेचैनी महसूस की जा रही है, वहीं इन दलित छात्रों पर हुए अत्याचार के खिलाफ दुनिया भर से स्कॉलरों ने भी अपना रोष जाहिर किया है। करीब आठ देशों के 129 बुद्धिजीवियों, अध्यापकों और चिंतकों ने हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय को लिखा है कि जिन चार और दलित छात्रों को विश्वविद्यालय प्रशासन ने निकाला था, उन्हें वापस लिया जाए। इसके साथ ही भाजपा के दलित नेतृत्व इस मुद्दे पर पार्टी नेताओं के बयानों और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के रुख से खासे नाराज बताए जाते हैं।
हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रशासन के ऊफर अब यह दबाव बनाया जा रहा है कि रोहित के साथ जिन चार दलित छात्रों को निकाला गया था, उन्हें तुरंत वापस लिया जाए। विश्वविद्यालय को रोष भरा पत्र लिखने वालों में जर्मनी यूनिवर्सिटी ऑफ गोटिंगन, मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट सहित अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस, डेनमार्क, दक्षिण अफ्रीका और सिंगापूर को विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों से अकादमिशियों ने हैदराबाद में दलित छात्र रोहित के साथ हुए जातिगत भेदभाव की भर्त्सना की है। उन्होंने लिखा है, ये आत्महत्या कोई अकेली घटना नहीं है। यह उच्च शैक्षणिक संस्थानों में बुनियादी लोकतांत्रिक मूल्यों के ह्रास की कहानी है। भारत के सबसे संभावनाशील नौजवानों के लिए अपनी क्षमताओं के विकास के लिए जो समय होना चाहिए, ऐसे समय में रोहित का नाम उन लोगों में शुमार हो गया है जो जातिगत भेदभाव का शिकार होकर आत्महत्या की ओर धकेले गए हैं।
इस पत्र ने शैक्षणिक जगत में और खासतौर पर अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर केंद्र सरकार की छवि धूमिल की है। उधर भाजपा के अंदर से ही रोहित को देशद्रोही और असमाजिक तत्व करार दिए जाने वाले बयानों से गहरा असंतोष फैल रहा है। भाजपा के पूर्व मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य संजय पासवान ने ट्विटर पर प्रतिक्रिया दी, रोहित की आत्महत्या पर सत्ता के हिस्सेदारों को गंभीरता से देखना चाहिए नहीं तो समुदाय का गुस्सा, प्रतिशोध, प्रतिरोध और प्रतिक्रिया झेलने के लिए तैयार रहना चाहिए। संजय पासवान ने यह भी कहा कि ये मामला पार्टी के लिए बहुत नुकसानदेय साबित हो सकता है। भाजपा के एक और सांसद ने नाम न लिखने की शर्त पर बताया कि रोहित का आत्महत्या से भाजपा को बड़ा नुकसान हो सकता है।