दरअसल, इसी साल चार फरवरी को नीतीश की एक तस्वीर सामने आई थी जिसमें वे कमल के फूल के एक सादे चित्र में रंग भरते दिखाई दिए थे। उस वक्त शायद ही किसी को भनक लगी होगी कि नीतीश कुमार बिहार की सियासत का रंग बदल देंगे। दरअसल वे 23वें पटना बुक फेयर का उद्घाटन करने पहुंचे थे। प्रख्यात चित्रकार पद्मश्री बउआ देवी द्वारा बनाए गए कमल के फूल में नीतीश ने रंग भरा था। अब इस तस्वीर के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।
यह भी कहा जा रहा है कि नीतीश और बीजेपी के बीच हुई क्रिया-प्रतिक्रिया की तेजी ने साबित किया कि इस सियासी परिघटना की पूरी पटकथा बहुत पहले ही लिखी जा चुकी थी। सिर्फ इसे अमलीजामा पहनाने की देर थी जिसके लिए सही वक्त का इंतजार था।
भाजपा से यूं बढ़ी नजदीकियां
# गुरु गोविंद सिंह की 350 वीं वर्षगांठ पर पांच जनवरी को पीएम मोदी और 10 जनवरी को बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह पटना गए थे। माना जा रहा है कि नीतीश का एनडीए की ओर झुकाव की कहानी की शुरूआत यहां से हुई। फिर पटना से लेकर दिल्ली तक नीतीश का भाजपा के नेताओं के साथ संपर्क का दौर शुरू हो गया।
#इस साल 10 फरवरी को नीतीश सोची-समझी रणनीति के तहत पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम की किताब के विमोचन समारोह में दिल्ली पहुंचे। कहा जा रहा है कि नीतीश ने उसी दिन भाजपा की लीडरशिप में शामिल एक नेता के साथ लंबी मुलाकात की थी। इसके बाद जेडीयू महासचिव केसी त्यागी कई बैठक में संघ से जुड़े कई नेताओं के साथ देखे गए। इस दौरान अरुण जेटली की भूमिका अहम मानी जा रही है। जेटली के साथ नीतीश की चर्चा होती रही, और जेटली मोदी और शाह को पूरी जानकारी देते थे।
आरजेडी से दूर बिदकने की वजह
#सूत्रों की मानें तो महागठबंधन सरकार में लालू की दखलंदाजी से नीतीश काफी परेशान थे। इधर आरजेडी भी डीएम-एसपी की नियुक्ति में नीतीश की दखल नहीं चाहता था।
#महागठबंधन में दरार रक्सौल में पानी के एक प्रोजेक्ट से शुरू हुई। इसमें उपमुख्यमंत्री तेजस्वी बेहद दिलचस्पी ले रहे थे। इस तकरार के बाद ही लालू परिवार के बेनामी संपत्ति के दस्तावेज खंगाले जाने लगे। और सुशील मोदी का लालू पर हमला जारी रहा।
नीतीश का भ्रष्टाचार पर वार, निशाने पर लालू परिवार
#लालू यादव के बेटे तेज प्रताप पर धोखाधड़ी के जरिए पटना के पास बेऊर पेट्रोल पंप हासिल करने का आरोप लगा। जब तेज प्रताप पेट्रोल पंप के लिए इंटरव्यू में बैठे, तब वे बेऊर की उस 43 डिसमिल जमीन के मालिक नहीं थे जिसका दावा किया था।
#वहीं, तेजस्वी के खिलाफ बिहार के सबसे बड़े मॉल का प्रमोशन कर रही कंपनी में भारी शेयर रखने का आरोप है। लालू की तीन बेटियों के खिलाफ भी शेल कंपनियों में डायरेक्टर होने का आरोप हैं। लालू परिवार पर करोड़ों रुपए के भारी-भरकम फ्री गिफ्ट भी जांच के दायरे में है।
#ईडी ने लालू की बेटी मीसा भारती की कंपनी से जुड़े एक चार्टर्ड एकाउंटेंट को गिरफ्तार किया। उस पर आठ हजार करोड़ रुपए की मनी लॉड्रिंग का आरोप।
#20जून को आयकर विभाग ने लालू यादव के रिश्तेदारों की 12 संपत्तियां जब्त कीं। ये संपत्तियां लालू की बेटी मीसा और उनके पति शैलेश कुमार की हैं। तेजस्वी और राबड़ी देवी, रागिनी और चंदना यादव की हैं।
भाजपा का समर्थन, आरजेडी का विरोध
नीतीश के इस्तीफे से तीन दिन पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सरकार में शामिल होने या चुनाव में जाने के विकल्पों पर पार्टी नेताओं से चर्चा की थी। अंततः भाजपा ने रात में ही सरकार में शामिल होने की घोषणा कर दी। अब नीतीश कुमार एनडीए की सहायता से छठी बार बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले चुके हैं। कमल में रंग भरे जा चुके हैं और नीतीश के पूर्व सहयोगी दल आरजेडी का विरोध जारी है।