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टाइम ने पीएम मोदी को क्यों बताया 'भारत का डिवाइडर इन चीफ', ये हैं 5 बड़ी वजहें

एक समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत की जरूरत बताने वाली अमरीका की मशहूर टाइम मैगजीन ने देश...
टाइम ने पीएम मोदी को क्यों बताया 'भारत का डिवाइडर इन चीफ', ये हैं 5 बड़ी वजहें

एक समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत की जरूरत बताने वाली अमरीका की मशहूर टाइम मैगजीन ने देश में जारी लोकसभा चुनाव 2019 के बीच मोदी को भारत में समाज को बांटने वाला (India’s Divider in Chief) बताया है। अक्सर बड़े-बड़े पॉलिटिकल लीडर्स इस नामी मैगजीन के कवर पर आना चाहते हैं लेकिन बीच चुनावों में टाइम ने पीएम मोदी को कवर पर लेते हुए उन्हें भारत में समाज को बांटने वाला’ कह कर उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। पिछले चार साल में ऐसा क्या हुआ, जिसकी वजह से टाइम मैंगजीन को भारत की सांझा संस्कृति पर खतरा नजर आने लगा और उसने मोदी पर इतनी तीखी टिप्पणी कर दी है। आइए जानते हैं कि मुद्दों के आधार पर टाइमने ऐसा किया है...

सांप्रदायिक माहौल खराब करने की कोशिश 

टाइमके डिजिटल प्लेटफॉर्म पर छपे आर्टिकल में पीएम मोदी की जवाहरलाल नेहरू से तुलना की गई है। इसमें लिखा गया है कि जवाहर लाल नेहरू ने देश में सभी को बराबरी का हक देते हुए कहा कि यहां हर धर्म के लोगों के लिए जगह होगी। नेहरू सेक्युलर विचारधारा के थे लेकिन पीएम मोदी ने इन पांच सालों में सांप्रदायिक माहौल खराब करने की कोशिश की।

बड़े पदों पर रहने वाले लोगों पर हमला बोला

मैगजीन के इस आर्टिकल में पीएम मोदी पर देश के फाउंडिंग फादर्स और बड़े पदों पर रहने वाले लोगों पर भी हमला बोलने का आरोप लगाया गया है। इसमें लिखा है कि मोदी की जीत के बाद एक शक पैदा हुआ, जब उन्होंने कई सम्मानित लोगों पर हमला बोलना शुरू किया। उन्होंने नेहरूवाद और समाजवादी विचारधारा पर हमला बोला। इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस मुक्त भारत की भी बात की।

 दंगों के बाद साध रखी है चुप्पी

आर्टिकल में गुजरात दंगों का भी जिक्र किया गया है। आर्टिकल में लिखा है कि मोदी ने हर क्रूरता भरे दंगों के बाद चुप्पी साध रखी है। आर्टिकल में 1984 के सिख दंगों और 2002 के गुजरात दंगों की तुलना की गई है। इसके मुताबिक ये बात सही है कि कांग्रेस के कार्यकाल में 1984 के दंगे हुए थे, लेकिन इस दौरान पार्टी ने खुद को उन्मादी भीड़ से अलग रखा था। वहीं, नरेंद्र मोदी के गुजरात का मुख्यमंत्री रहते 2002 में दंगे हुए, लेकिन मोदी अपनी चुप्पी से ‘दंगाइयों के लिए दोस्त’ साबित हुए।

नफरत फैलाने वाले एक महंत को सीएम बनाया

आतिश तासीर के इस लेख में लिंचिंग और गाय के नाम पर हुई हिंसा का भी जिक्र किया गया है। उन्होंने लिखा है कि गाय को लेकर मुसलमानों पर बार-बार हमले हुए और उन्हें मारा गया। एक भी ऐसा महीना न गुजरा हो जब लोगों के स्मार्टफोन पर वो तस्वीरें न आई जिसमें गुस्साई हिन्दू भीड़ एक मुस्लिम को पीट न रही हो। इस लेख में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर भी निशाना साधा गया। 2017 में यूपी में जब बीजेपी चुनाव जीती तो भगवा पहनने वाले और नफरत फैलाने वाले एक महंत को सीएम बना दिया गया।

तीन तलाक बिल से निशाना

इस आर्टिकल में तीन तलाक बिल को लेकर भी पीएम मोदी पर निशाना साधा गया है। इसके मुताबिक, भारतीय मुसलमानों को शरिया पर आधारित फैमिली लॉ मानने का अधिकार मिला था। इसमें तलाक देने का उनका तरीका तीन बार तलाक बोलकर तलाक लेना भी शामिल था जिसे नरेंद्र मोदी ने 2018 में एक आदेश जारी कर तीन तलाक को कानूनी अपराध करार दे दिया।

 

 

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