शनिवार को राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले के दुमका कोषागार मामले में जमानत मिल गई है। इसके साथ ही बिहार की हलचल भी तेज हो गई है। सत्तारूढ़ दल एनडीए के घटक दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) जैसे दलों का कहना है कि लालू की जमानत से बिहार की राजनीति में कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हालांकि, राजद समर्थकों का अलग मानना है।
शनिवार को जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोना की स्थिति को लेकर बैठ की और पत्रकारों से बातचीत की। उसके बाद उनसे लालू यादव को लेकर प्रतिक्रिया पूछी गई थी तो उन्होंने इस पर टिप्पणी से इन्कार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि मुझे क्या बोलना है। ये तो लालू प्रसाद और न्यायालय के बीच का मामला है।
वहीं, लालू यादव के जमानत मिलने को लेकर जदयू विधान पार्षद और पार्टी के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता संजय सिंह ने शनिवार को कहा कि चारा घोटाले से न्यायालय ने उन्हें बरी नहीं किया है। सिर्फ जमानत मिली है। जब अगले केस की सुनवाई होगी तो फिर से लालू प्रसाद को जेल जाना होगा। पता नहीं राजद के लोग इतने खुश क्यों हैं। संजय सिंह ने कहा कि लालू प्रसाद को शेर कहने वाले को ये बताना चाहिए कि शेर आखिर पिजड़े में क्यों था?