प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर अपनी कैबिनेट का विस्तार किया है। 3 साल के कार्यकाल में मोदी कैबिनेट का यह तीसरा विस्तार है, जिसमें 9 नए चेहरों को शामिल किया गया है। इन सबको राज्य मंत्री बनाया गया है। जानें मोदी कैबिनेट में शामिल हुए इन नेताओं से जुड़ी खास बातें।
#अनंतकुमार हेगड़े कनार्टक से लोकसभा सांसद हैं। वे महज 28 साल की उम्र में पहली बार सासंद बने थे। यह उनका 5वां कार्यकाल है। अनंतकुमार 4 बार स्पाइसेज बोर्ड ऑफ इंडिया के सदस्य भी रह चुके हैं। वे कोरियन मार्शियल ताइक्वांडो भी जानते हैं। वे अपने विवादित बयानों की वजह से भी चर्चा में रहे।
#शिव प्रताप शुक्ल उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं। भाजपा में योगी विरोधी खेमे के माने जाने वाले शुक्ल उत्तर प्रदेश से साल 1989 से 1996 तक लगातार 4 बार विधायक रहे। उन्होंने 70 के दशक में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। शिव प्रताप 8 साल तक यूपी के कैबिनेट मिनिस्टर भी रहे हैं। गोरखपुर यूनिवर्सिटी से उन्होंने एलएलबी किया है। आपातकाल के दौरान मीसा के तहत 19 महीने जेल में रहे थे।
#वीरेंद्र कुमार मध्य प्रदेश के टिकमगढ़ से लोकसभा सांसद हैं। वीरेंद्र ने जेपी आंदोलन में भी हिस्सा लिया था और इमरजेंसी के दौरान वो मीसा के तहत 16 महीने जेल में भी रहे थे। वीरेंद्र 6 बार से लोकसभा सदस्य हैं। उन्होंने इकनॉमिक्स से एमए और चाइल्ड लेबर में पीएचडी की है।
#गजेंद्र सिंह शेखावत राजस्थान के जोधपुर से लोकसभा सांसद हैं। वे प्रगतिशील किसान तौर पर और अपने सादा जीवन के लिए पर जाने जाते हैं। गजेंद्र सिंह राष्ट्रीय और विश्वविद्यालय स्तर पर बास्केटबॉल खेल चुके हैं। उन्होंने जोधपुर की जय नारायण यूनिवर्सिटी से फिलॉसफी में एमए भी किया है। साथ ही एमफिल भी किया है।
#अश्विनी कुमार चौबे बिहार के बक्सर से लोकसभा सांसद हैं। वे लगातार 5 बार बिहार असेंबली से विधायक चुने गए हैं। इनकी राजनीतिक करियर की शुरुआत पटना यूनिवर्सिटी के छात्र संघ के अध्यक्ष के तौर पर हुई थी। उन्होंने 70 के दशक में जेपी आंदोलन में भी हिस्सा लिया और इस दौरान वे जेल भी गए थे। चौबे ने महादलित परिवारों के 11 हजार शौचालय बनवाने में भी सहायता की।
# सत्यपाल सिंह का जन्म बागपत के बसौली गांव में हुआ। सत्यपाल ने एमएससी औप केमिस्ट्री में एमफिल किया है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया से मैनेजमेंट में एमबीए किया। इसके अलावा वे पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में एमए और नक्सलवाद में पीएचडी भी कर चुके हैं। सत्यपाल सिंह उत्तर प्रदेश के बागपत से लोकसभा सांसद हैं। वे महाराष्ट्र काडर के 1980 बैच के आईपीएस ऑफिसर रहे हैं। 2008 में उन्हें सरकार की तरफ से आंतरिक सुरक्षा पदक दिया जा चुका है। इसके अलावा 1990 में उन्हें आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश में नक्सली प्रभावित इलाकों में असाधारण काम करने के लिए विशिष्ट सेवा पदक दिया जा चुका है। सत्यपाल के बारे में बताया जाता है कि वे वैदिक अध्यन्न और संस्कृत के भी अच्छे जानकार हैं।
#राज कुमार सिंह पुलिस आधुनिकीकरण और जेल आधुनिकीकरण जैसे अपने कामों के लिए मशहूर हैं। राज कुमार ने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इंगलिश लिटरेचर में पढ़ाई की है, साथ ही उन्होंने एलएलबी भी किया है। वे बिहार के आरा से लोकसभा सांसद हैं। बिहार काडर की 1975 बैच के आईएएस ऑफिसर रहे हैं। सिंह देश के गृह सचिव भी रह चुके हैं।
#हरदीप सिंह पुरी 1974 बैच के पूर्व आईएफएस ऑफिसर हैं। वे विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा में विशेषज्ञता के लिए जाने जाते हैं। वो रिसर्च एंड इंफोर्मेशन सिस्टम फॉर डेवलपिंग कंट्रीज (आरआईएस) थिंक टैंक के अध्यक्ष भी हैं। पुरी न्यूयॉर्क के अंतर्राष्ट्रीय शांति संस्थान के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। इसके साथ ही वो जिनेवा में भी भारत के स्थायी प्रतिनिधि रहे हैं। पुरी ने संयुक्त राष्ट्र में सुरक्षा परिषद में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख के तौर पर भी काम कर चुके हैं।
#अलफोंस कननथनम केरल काडर के 1979 बैच के आईएएस अदिकारी रह चुके हैं। इसके अलावा डीडीए के कमीश्नर भी रह चुके हैं। अल्फोंज का जन्म कोट्टयम जिले के मणिमाला नामक गांव में हुआ था। इस गांव में बिजली तक नहीं हुआ करती थी। जिला कलेक्टर के रूप में अलफोंस ने भारत के पहले साक्षरता आंदोलन चलाया और साल 1989 में कोयट्टम को भारत का पहला 100 फीसदी साक्षर टाउन बनाया। कननथनम पेशे से वकील भी हैं। 1994 में उन्हें टाइम मैगजीन के 100 युवा ग्लोबल लीडर्स की लिस्ट में शामिल किया गया था। कननथनम ने बेस्टसेलिंग किताब 'मेकिंग अ डिफरेंस' लिखी।