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कश्मीर में पीडीपी-भाजपा की राहें जुदा, चुनाव के लिए तैयार होते दल

भाजपा और पीडीपी के बीच वार्ता की गुंजाइशें हुई बंद, आशंकाएं बलवती
कश्मीर में पीडीपी-भाजपा की राहें जुदा, चुनाव के लिए तैयार होते दल

कश्मीर की सरकार अधर में लटकी हुई है और अब पीडीपी नेतृत्व अगले विधानसभा चुनाव के लिए खुद को तैयार कर रही है। भाजपा और पीडीपी दोनों के शीर्ष नेतृत्व ने अब तकरीबन यह मान लिया है कि साझा सरकार बनाने की कोई संभावना नहीं नजर आ रही है। हालांकि राजनीति में जब तक सारे दरवाजे पूरे बंद न हो जाएं, तब तक किसी भी संभावना को नकारा नहीं जा सकता है।

कश्मीर में पीडीपी के नेताओं ने खुलकर कुछ भी नहीं बोला है, लेकिन महबूबा मुफ्ती ने यह संकेत दे दिया है कि अब पार्टी को चुनाव के लिए तैयार हो जाना चाहिए। उधर नेशनल कांफ्रेस ने राज्य को इतने समय तक सरकार रहित रखने और बेवजह के ड्रामा को कायम रखने के लिए पीडीपी और भाजपा दोनों को दोषी बताया है। उमर अब्दुल्ला के इस आरोप में दम है क्योंकि सात जनवरी को राज्य के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की मृत्यु के बाद से ही राज्य सरकार विहीन है। महबूबा मुफ्ती को इस बात की आशंका है कि भाजपा उन्हें ठीक ढंग से काम नहीं करने दगी और जिन न्यूनतम समझदारी के साथ भाजपा उनके पिता के साथ काम करने को तैयार, उसे वह अब ठीक से नहीं लागू करेगी। भाजपा भी पीडीपी की मांगों को लेकर झुकने को तैयार नहीं है।

पीडीपी के सूत्रों के मुताबिक उन्हें यह भी आशंका है कि भाजपा उनके विधायकों को फोड़ सकती है। इसे लेकर महबूबा मुफ्ती से लेकर बाकी सभी लोग बेहद चिंतित है। बीच में इस तरह की खबरें भी आ रही थीं। अब जस तरह से उत्तराखंड में राजनीतिक उठा-पटक मची हुई है और भाजपा कांग्रेस के विधायकों को तोड़कर सरकार गिराने की कोशिश में लगी है, उससे पीडीपी भी आशंकित है।   

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