Advertisement

बेअदबी की घटना से गरमाई पंजाब की सियासत, चुनावी मौसम में फिर से बड़ा मुद्दा

अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब में एक बार बेअदबी की घटना से 'पंथक सियासत’ राजनीति के...
बेअदबी की घटना से गरमाई पंजाब की सियासत, चुनावी मौसम में फिर से बड़ा मुद्दा

अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब में एक बार बेअदबी की घटना से 'पंथक सियासत’ राजनीति के केंद्र में आ गई। शनिवार की शाम करीब सात बजे अमृतसर के सच खंड श्री हरमंदिर साहिब में श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटना के बाद एक अज्ञात व्यक्ति की मौके पर ही पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। करीब दो महीने में यह दूसरी घटना है जब बेअदबी के आरोपी की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। अक्टूबर में, तीन कृषि कानूनों के विरोध के दौरान, निहंगों के एक समूह द्वारा बेअदबी के आरोप में सिंघू सीमा पर लखबीर सिंह नाम के व्यक्ति को पीट-पीट कर मार डाला गया था।

छह साल पहले पंजाब के फरीदकोट जिले के बहबल कलां में बेअदबी घटना के बाद पुलिस फायरिंग की घटना में 2015 में दो प्रदर्शनकारी मारे गए थे। इन्हीं घटनाओं के चलते 2017 के विधानसभा चुनाव में शिअद-भाजपा गठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा । श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की पहली घटना 12 अक्टूबर, 2015 को फरीदकोट जिले के बरगाड़ी में हुई थी, जहां पवित्र श्री गुरु ग्रंथ के 110 फटे अंग (पृष्ठ) पाए गए थे। 14 अक्टूबर की सुबह बहबल कलां में शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे दो सिख युवक पुलिस की गोलीबारी में मारे गए। 13 और 16 अक्टूबर 2015 के बीच, पंजाब में विभिन्न स्थानों से बेअदबी की कई और घटनाएं सामने आईं।

कैप्टन अमरिंदर सिंह के बाद पंजाब का सीएम बनने के बाद चरणजीत सिंह चन्नी ने भी कहा था कि वह 2015 की बेअदबी मामले में न्याय सुनिश्चित करेंगे। मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार पत्रकारों से बात करते हुए चन्नी ने कहा था कि 2015 में बेअदबी के मामलों में न्याय मिलेगा। छह साल बाद बेअदबी की घटना फिर पंजाब की सामाजिक-राजनीति पर चोट कर सकती है, लेकिन इस बार कांग्रेस के नेतृत्व वाले चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार आने वाले चुनावों में विपक्षी दलों के निशाने पर हो सकती है क्योंकि 2015 में बेअदबी की घटनाओं की संशोधित जांच रिपोर्ट भी लंबित है जिसे पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाना है।

इस बीच, पंजाब भाजपा प्रमुख अश्विनी शर्मा ने कहा, “यह घटना निंदनीय है। इसकी गहन जांच होनी चाहिए। शर्मा ने पंजाब की कांग्रेस सरकार पर बेअदबी के पिछले मामलों में कार्रवाई करने में विफल रहने का भी आरोप लगाया। भाजपा के कांग्रेस सरकार पर बेअदबी के पिछले मामलों में कार्रवाई करने में विफलता के आरोपों पर गृह मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा, "शनिवार शाम की घटना दरबार साहिब में हुई थी, जहां पुलिस को अंदर भी नहीं जाने दिया लेकिन पुलिस सभी पहलुओं की गहराई से जांच कर रही है।

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने एक लिखित बयान में कहा "हमारे सर्वोच्च और पवित्र तीर्थ सचखंड श्री हरमंदर साहिब में बेअदबी सबसे जघन्य अपराध है। सुखबीर ने कहा कि "यह असंभव है कि यह सिर्फ एक व्यक्ति का कार्य हो सकता है। इसके पीछे गहरी साजिश है”।

राज्य सरकार की जमकर आलोचना करते हुए सुखबीर ने कहा, “इस तरह की साजिश के ठोस संकेत मिले हैं। कि एक दिन पहले दरबार साहिब के पवित्र सरोवर में गुटका साहिब फेंके जाने की घटना हुई। उसके बाद, राज्य की एजेंसियां एक गहरी जड़ वाली साजिश से अनजान नहीं हो सकती थीं, जिसके कारण दौबारा बेअदबी की घटना हुई। लेकिन इस तरह के जघन्य अपराध को होने से रोकने के लिए किसी ने कुछ नहीं किया और न ही कोई कदम उठाया। उन्होंने पंजाब सरकार की खुफिया एजेंसियों पर सवाल उठाया है।

शिअद नेता विरसा सिंह वलटोहा ने कहा कि उनके साथ मिली जानकारी के अनुसार, सीसीटीवी फुटेज में अभद्रता करने वाले व्यक्ति का व्यवहार सामान्य था और वह "अकेला" था। वलटोहा ने कहा कि अगर आदमी को सैकंड के के भीतर काबू में नहीं किया गया होता, तो वह "घोर ईशनिंदा करने के लिए जा सकता था क्योंकि उसने गर्भगृह में प्रवेश किया था और गुरु ग्रंथ साहिब के बगल में पड़ी महाराजा रणजीत सिंह की तलवार उठा ली थी"। वलटोहा ने कहा कि यह उन ताकतों द्वारा पंजाब के माहौल को खराब करने का प्रयास है जो या तो राष्ट्र विरोधी, पंजाब विरोधी, सिख विरोधी या राजनीतिक हितों के लिए काम कर रही हैं।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad