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कश्मीर और बिहार पर संघ का संकेत

दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भारतीय जनता पार्टी को जम्मू-कश्मीर और बिहार के लिए स्पष्ट रूख रखने को कहा है।
कश्मीर और बिहार पर संघ का संकेत

सूत्रों के मुताबिक संघ ने भाजपा को धारा ३७० और अन्य मुद्दों पर अपनी स्पष्ट राय रखने के लिए कहा है साथ ही इस बात पर भी जोर दिया है कि राज्य में अगर सत्ता में शामिल होने के लिए कोई समझौता करना पड़े तब भी अपने नीति साफ रखनी होगी।  

बिहार के मामले में भी संघ का रूख स्पष्ट है। सूत्रों के मुताबिक संघ नेताओं ने भाजपा नेताओं को मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के मामले में संयम बरतने को कहा है।

संघ सूत्रों के मुताबिक बिहार में मांझी की मुखरता ने दलितों के बीच उनकी लोकप्रियता बढ़ा दी है। ऐसे में मांझी को विमुख नहीं किया जा सकता है।

अगर मांझी भाजपा में आना चाहते हैं तो उनका स्वागत किया जाना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक मांझी जब दिल्ली आकर भाजपा नेताओं से मिले थे उस दौरान कुछ संघ नेताओं से भी उनकी चर्चा हुई थी। उसके बाद संघ ने भाजपा नेताओं को निर्देश दिया कि मांझी को अपमानित नहीं होने देना है।

 भले ही विश्वासमत के लिए भाजपा ने अपना रूख स्पष्ट नहीं किया हो लेकिन समझा जा रहा है कि भाजपा समर्थन देगी। अगर नहीं भी देती है तो भाजपा मांझी को पार्टी में शामिल कराकर केंद्रीय राजनीति में सक्रिय करेगी।

 जिसे बिहार विधानसभा चुनाव में लाभ मिल सके। दूसरी तरफ संघ ने केंद्र सरकार के कामकाज पर सवाल उठाने वाले आनुसांगिक संगठनों को भी निर्देश दिया है कि चुप्पी साधे। अगर कोई मुद्दा उठाना है तो उठाए लेकिन सरकार की आलोचना न करें।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत ने प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक में जो उद्बोधन दिया उसका सीधा सा अर्थ यही है कि सरकार के कामकाज पर कोई सवाल नहीं उठाना चाहिए। भागवत ने साक्षी महाराज पर भी निशाना साधा कि हिंदू मां-बहन बच्चा पैदा करने की मशीन नहीं हैं।

भागवत ने संघ के सभी आनुसांगिक संगठनों के मध्य बेहतर समन्वय स्‍थापित करने पर बल दिया। साथ ही यह भी कहा कि सभी राष्ट्रीय मुद्दों पर एकजुट होकर खड़ा होना होगा।   

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