उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड अंचल के सात जनपदों- बांदा, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर, जालौन, झाांसी और ललितपुर में विधानसभा की उन्नीस सीटें हैं। इनमें पांच बांदा की नरैनी, हमीरपुर की राठ, जालौन की उरई सदर, ललितपुर की महरौनी और झाांसी की मउरानीपुर सीट अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित हैं। पिछले तीन विधानसभा चुनावों के नतीजों से यह निष्कर्ष निकलता है कि राजनीतिक दलों को मुद्दे नहीं जातीय समीकरण जीत का स्वाद चखाते हैं। जिधर ओबीसी संग दलित वोटरों के कदम चल पड़ते हैं उसी पाटर्ी के खाते में सबसे ज्यादा सीटे आती हैं।
केंद्रीय मंत्री उमा भारती का हालांकि कहना है कि हमारा मंत्र विकास है और हम विकास और सुशासन के आधार पर लोगों के बीच जा रहे हैं। हमने नदी जोड़ने की महत्वाकांक्षी केन बेतवा परियोजना को आगे बढ़ाया है जिससे क्षेत्रा में पानी की समस्या दूर होगी, फसलों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी और क्षेत्रा में खुशहाली का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने भाषा से कहा कि इसके साथ ही किसानों के लिए ग्रामीण सिंचाई परियोजना, फसल बीमा योजना एवं मोदी सरकार की अन्य पहल इस क्षेत्रा को विकास के मार्ग पर ला रहे हैं। विकास ही हमारा मंत्र है।
भारतीय किसान यूनियन नेता शिवनारायण सिंह परिहार ने कहा कि इन उन्नीस सीटों के मतदाता पिछले कई दशक से महाराष्ट्र के विदर्भ की तर्ज पर कर्ज और मर्ज के बोझ तले दबकर अपनी जान गंवा रहे हैं। दैवीय आपदाओं के अलावा क्षेत्रा के लोग बुनियादी सुविधाओं की कमी का भी सामना कर रहे हैं। रोजगार के अवसरों के अभाव में हर साल क्षेत्रा से बड़े पैमाने पर गरीब, कमजोर वर्ग के लोगों का पलायन होता है। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रदीप जैन आदित्य ने कहा कि बुंदेलखंड कांग्रेस के दिल में बसता है। बुंदेलखंड के विकास की इबारत कांग्रेस ने तैयार की। आजादी के बाद से क्षेत्र के लोगों का स्नेह कांग्रेस के प्रति रहा है और यह आज भी कायम है। राहुल गांधी जब भी इस क्षेत्र में आए बुंदेलखंड के लिए पहल की। केंद्र में कांग्रेस की सरकारों ने अतीत में क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक और अल्पकालिक योजनाएं पेश कीं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा को भाजपा वालों ने ही खत्म कर दिया। भाजपा ने हर जाति, समुदाय के लोगों को धोखा देने का काम किया है। राम के नाम पर वादे को पूरा नहीं किया और नोटबंदी के नाम पर गरीब से लेकर अमीर सभी वर्ग को धोखा दिया।