Advertisement

किसकी लोजपा?- मंत्री पशुपति पारस के पोस्टर में नीतीश की एंट्री, चिराग हुए बाहर; अब रामविलास के बेटे का क्या होगा

लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) किसकी है? चिराग पासवान की या मंत्री पशुपति कुमार पारस की। इस सवाल से इतर अब इस...
किसकी लोजपा?- मंत्री पशुपति पारस के पोस्टर में नीतीश की एंट्री, चिराग हुए बाहर; अब रामविलास के बेटे का क्या होगा

लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) किसकी है? चिराग पासवान की या मंत्री पशुपति कुमार पारस की। इस सवाल से इतर अब इस बात पर गौर कीजिए कि कैसे मंत्री बनने के बाद पार्टी के भीतर बगवाती तेवर धारण करने वाले पशुपति कुमार पारस ने पोस्टर के जरिए पटना और पार्टी का सियासी पारा बढ़ा दिया है। जी हां, बिहार की राजधानी पटना में जगह-जगह लगे पोस्टर ने इस बात को स्पष्ट करना शुरू कर दिया है कि अब लोजपा चिराग की नहीं रही? चिराग अब पार्टी से बेदखल हो चुके हैं? अब इसमें राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की एंट्री हो गई है। पोस्टर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद नीतीश कुमार को जगह दी गई है। जबकि उसके बाद एक-एक करके सभी पांच सांसद हैं, जिन्हें चिराग पासवान ने कार्यकारिणी की बैठक के बाद पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। लेकिन, अब चिराग को पारस ने पोस्टर सरीखे पार्टी से "बाहर" कर दिया है।

ये भी पढ़ें- चिराग की भविष्यवाणी हुई सच!, आरपीसी सिंह के मंत्री बनते ही जेडीयू में टूट के संकेत; अब क्या करेंगे नीतीश

राजधानी के बेली रोड समेत पूरे पटना में जगह-जगह लगे पोस्टर्स में पारस दिवंगत नेता, भाई और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान से आशीर्वाद प्राप्त करते नजर आ रहे हैं। पासवान पारस के माथे पर तिलक कर रहे हैं। जबकि उस होर्डिंग के ऊपर लिखा है, "पशुपति कुमार पारस को केंद्रीय मंत्री बनाये जाने पर प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को हार्दिक बधाई।"

               (पटना के बेली रोड में पशुपति कुमार पारस का लगा पोस्टर, फोटो- नीरज झा)

गौरतलब है कि नीतीश कुमार पर चिराग पासवान लगातार पार्टी तोड़ने का आरोप लगा रहे हैं। चिराग का कहना है कि पारस ने नीतीश के कहने पर पार्टी में बगावत की और अब वो उनके गोद में जाकर बैठ गए हैं। दरअसल, पिछले महीने से पारस गुट के नेता लोजपा की कमान अपने हाथ में कर चुके हैं। वहीं, पारस को मंत्री बनाए जाने को लेकर चिराग ने पीएम मोदी को अल्टीमेटम भी दिया था, लेकिन वो बेअसर रहा। पशुपति पारस खाद्य मंत्री बन चुके हैं। जबकि चिराग ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जहां उन्हें झटका लग चुका है। कोर्ट ने याचिका को ये कहते हुए खारिज कर दिया था कि चिराग पासवान के तथ्य में कोई आधार नहीं है।

दरअसल, चिराग ने कहा था कि जब पारस को लोजपा से बाहर कर दिया गया है तो फिर वो मंत्री कैसे बन सकते हैं? पारस पार्टी के सदस्य नहीं है। वहीं, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला पारस को पार्टी का नेता घोषित कर चुके हैं। पारस भी कह चुके हैं कि उनका भतीजा यानी चिराग पासवान रास्ते से भटक चुके हैं।

ऐसे में अब यही कहा जा सकता है कि चिराग के हाथ से लोजपा निकल चुकी है? लोजपा में जारी खींचातानी के पीछे नीतीश का हाथ बताया जा रहा है। दरअसल, चिराग ने नीतीश के खिलाफ बिहार एनडीए से अलग होकर राज्य में चुनाव लड़ा था और जेडीयू को भारी नुकसान पहुंचाया था। अब माना जा रहा है कि नीतीश ऐसा कर बदला ले रहे हैं। जबकि चिराग का कहना है कि भाजपा से विचार विमर्श के बाद लोजपा ने अकेले लड़ने का फैसला किया था। तो माना जाए कि इसके पीछे भी बीजेपी की रणनीति है? क्या भाजपा चिराग को खत्म करना चाहती है?

आउटलुक से राजनीतिक विश्लेषक मणिकांत ठाकुर कहते हैं, "बीजेपी की मंशा चिराग को लेकर ठीक नहीं दिखाई दे रही है। लेकिन, खत्म करना नहीं कह सकते हैं। हां, यदि लोजपा बीजेपी से अलग हो जाती है फिर भी भविष्य में  चिराग बिहार की राजनीति में बेहतर कर सकते हैं। भाजपा के मकसद को चिराग ने नीतीश का खेल बिगाड़ पूरा किया, लेकिन चिराग का मकसद पूरा न हो सका।"

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad