प्राकृतिक सौंदर्य और खूबसूरत समुद्र तटों के लिए मशहूर विशाखापत्तनम शहर लोकसभा सीट के रूप में खासा महत्व रखता है। ऐसे समय में जब मौजूदा युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार ने ‘‘तीन राजधानियों’’ की आवधारण के साथ इसे राज्य की ‘‘सरकारी कामकाज वाली राजधानी’’ का दर्जा देने का प्रस्ताव रखा है तो यह फिर से चर्चा में है।
वर्तमान में अमरावती, आंध्र प्रदेश की राजधानी है। सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी विशाखापत्तनम को ‘‘सरकारी कामकाज वाली राजधानी’’, अमरावती को ‘‘विधायी राजधानी’’ और कर्नूल को ‘‘न्यायिक राजधानी’’ बनाना चाहती है।
लोकसभा चुनाव में वाईएसआरसीपी इस सीट को बरकरार रखने का प्रयास करेगी, जबकि विपक्षी तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) अपने प्रतिद्वंद्वी को चुनौती देने के लिए तैयार है। तेदेपा 2019 के चुनाव में मामूली अंतर से जीत हासिल करने से चूक गई थी।
वर्ष 2019 के चुनाव में वाईएसआरसीपी के एम.वी.वी. सत्यनारायण ने तेदेपा के एम. श्रीभारत को चार हजार से अधिक मतों के अंतर से हराया था। तेदेपा ने इस बार फिर से श्रीभारत को मैदान में उतारा है और वाईएसआरसीपी ने मंत्री सत्यनारायण की पत्नी बोचा झांसी लक्ष्मी को उम्मीदवार घोषित किया है।
लगभग 20 लाख मतदाताओं वाले विशाखापत्तनम में सात विधानसभा क्षेत्र हैं जिनमें से चार पर 2019 के विधानसभा चुनावों में तेदेपा ने जीत हासिल की थी। हालांकि, एक विधायक बाद में सत्ताधारी पार्टी में शामिल हो गया। इसके अलावा, महापौर पद पर भी वाईएसआरसीपी का कब्जा है।
‘कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीआरईडीएकआई) विशाखापत्तनम’ के अध्यक्ष के.एस.आर.के. राजू का कहना है कि शहर को राजधानी बनाने का प्रस्ताव वाकई अच्छा है, लेकिन सरकार को विकास को बनाए रखने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा तैयार करना शुरू कर देना चाहिए था।
राजू ने ‘पीटीआई-’ से कहा, ‘‘हम विशाखापत्तनम को राजधानी बनाने के फैसले का स्वागत करते हैं। लेकिन इससे पहले सरकार के लिए इन चीजों का अध्ययन करना जरूरी है कि आने वाले दस वर्षों में जनसंख्या वृद्धि किस दर से होने की उम्मीद है और भविष्य में किस प्रकार की वाहनों की आवाजाही होगी। इसके अनुसार ही बुनियादी ढांचे में सुधार किया जाना चाहिए।’’