राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले के दो आरोपियों को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया और इस घटनाक्रम को लेकर राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया। भाजपा ने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने राज्य को आतंकवादियों के लिए ‘‘एक सुरक्षित पनाहगाह बना दिया है।’’ वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य पुलिस की त्वरित कार्रवाई के कारण आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
अधिकारियों ने कहा कि आरोपी अब्दुल मथीन अहमद ताहा और मुसव्विर हुसैन शाजिब का कोलकाता के पास ठिकाने का पता लगाया गया। अधिकारियों ने कहा कि वे वहां अपनी पहचान छुपाकर छिपे हुए थे। उन्होंने कहा कि ताहा विस्फोट की योजना बनाने और उसे अंजाम देने का मास्टरमाइंड था और शाजिब ने कैफे में आईईडी रखा था। उन्होंने कहा कि "इस खोज अभियान एनआईए, केंद्रीय खुफिया एजेंसियों और पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, कर्नाटक और केरल राज्य पुलिस एजेंसियों के बीच समन्वित कार्रवाई और सहयोग से समर्थित था।’’
एक मार्च को बेंगलुरु के आईटीपीएल रोड, ब्रुकफील्ड स्थित रामेश्वरम कैफे में एक आईईडी विस्फोट हुआ था। विस्फोट में कई ग्राहक और होटल कर्मचारी घायल हो गए थे, जिनमें से कुछ गंभीर रूप से घायल हुए थे और इसमें संपत्ति को व्यापक नुकसान हुआ था। एनआईए ने 3 मार्च को जांच अपने हाथ में ली थी और दोनों आरोपियों में से प्रत्येक की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले को 10 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी।
गिरफ्तारी के बाद पश्चिम बंगाल में भाजपा के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने टीएमसी पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी ने पश्चिम बंगाल को "आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह" में बदल दिया है। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘एनआईए ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट में दो मुख्य संदिग्धों, बम विस्फोट करने वाले मुसव्विर हुसैन शाजिब और उसके साथी अब्दुल मथीन अहमद ताहा को कोलकाता से हिरासत में लिया। दोनों संभवतः कर्नाटक के शिवमोगा में आईएसआईएस सेल से संबंधित हैं। दुर्भाग्य से, पश्चिम बंगाल ममता बनर्जी के तहत आतंकवादियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बन गया है।’’
कूचबिहार में एक रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री बनर्जी ने भाजपा पर राज्य के खिलाफ अफवाह फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "भाजपा के एक नेता को यह कहते हुए सुना कि बंगाल सुरक्षित नहीं है। पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया के बाद आरोपियों को दो घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया गया। उन राज्यों के बारे में क्या जहां आप सत्ता में हैं?"
टीएमसी नेता कुणाल घोष ने भी मालवीय के पोस्ट पर पलटवार किया और दावा किया कि आरोपियों को पश्चिम बंगाल पुलिस की मदद से गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘पश्चिम बंगाल पुलिस ने बेंगलुरु-कैफे विस्फोट के संबंध में गिरफ्तारी के माध्यम से बहुत बढ़िया काम किया है। यहां तक कि एनआईए ने भी अपने बयानों में इसे स्वीकार किया है। किसी भी विरोधी ताकत से सख्ती से निपटा जाना चाहिए। लेकिन मैं भाजपा और उनके चेलों से पूछना चाहता हूं- ये गिरफ्तारियां कहां से की गई हैं? कांथी! हम सभी जानते हैं कि कौन सा परिवार और भाजपा का मुख्य नेता कोंताई से अवैध गतिविधियां चलाता है।’’
कांथी या कोंताई को भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी और उनके परिवार का गढ़ माना जाता है। घोष ने राज्य एजेंसियों से "घटना में परिवार की कथित भूमिका" की जांच करने का अनुरोध किया। पश्चिम बंगाल पुलिस ने भी भाजपा के दावों को झूठा करार दिया। पश्चिम बंगाल पुलिस ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल पुलिस ने भाजपा और उनके ट्रोल के झूठ का पर्दाफाश किया है। झूठ अपने चरम पर है। अमित मालवीय द्वारा किए गए दावों के विपरीत, तथ्य यह है कि रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में दो संदिग्धों को पश्चिम बंगाल पुलिस और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों द्वारा एक संयुक्त अभियान में पूर्व मेदिनीपुर से गिरफ्तार किया गया है। मामले में पश्चिम बंगाल पुलिस की सक्रिय भूमिका को आधिकारिक तौर पर केंद्रीय एजेंसियों द्वारा स्वीकार किया गया है।’’
पुलिस ने कहा कि राज्य कभी भी आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह नहीं रहा है और वह अपने लोगों को नापाक गतिविधियों से सुरक्षित रखने के लिए हमेशा सतर्क रहेगी।