अरुणाचल प्रदेश में 19 अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव में 23 ऐसे उम्मीदवार हैं जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। एक नागरिक समाज संगठन की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। 'एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर)' और 'अरुणाचल प्रदेश इलेक्शन वॉच' द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार, अरुणाचल प्रदेश में आपराधिक मामलों वाले 23 उम्मीदवारों में से 20 ने अपने हलफनामों में उनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले होने की जानकारी दी है।
यह रिपोर्ट विधानसभा चुनाव लड़ने वाले 143 में से 142 उम्मीदवारों के स्व-शपथ पत्रों का विश्लेषण करने के बाद तैयार की गई है।रिपोर्ट में कहा गया है कि सागली निर्वाचन क्षेत्र से निर्विरोध जीतने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार रातू तेची के हलफनामे का विश्लेषण इसलिए नहीं किया जा सका क्योंकि चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उनका स्पष्ट और पूर्ण हलफनामा उपलब्ध नहीं है। राज्य में 2019 के विधानसभा चुनावों में जिन 184 उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया गया, उनमें से 29 ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले होने की और 26 ने उनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले होने की घोषणा की है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हलफनामे के विश्लेषण के अनुसार, 98 उम्मीदवार राष्ट्रीय पार्टियों से, 27 राज्य पार्टियों से, चार पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त पार्टियों से और 13 निर्दलीय हैं। इन 23 उम्मीदवारों में से सत्तारूढ़ भाजपा ने 11 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जिनके खिलाफ आपराधिक मामले हैं। कांग्रेस ने ऐसे चार, राकांपा ने तीन एवं नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल ने क्रमशः दो-दो उम्मीदवार को मैदान में उतारा है जबकि एक उम्मीदवार एक निर्दलीय चुनाव लड़ रहा है।
जिन उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं उनमें भाजपा के नौ, कांग्रेस के चार, राकांपा के तीन, पीपीए के दो और एनपीपी के दो उम्मीदवार शामिल हैं।