रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा चार लोगों के खिलाफ दायर आरोपपत्र में अयोध्या स्थित राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन वहां ‘असफल आईईडी हमले’ में आरोपियों की संलिप्तता का खुलासा होने के बाद यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश कार्यालय और उसके आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
बेंगलुरु स्थित ब्रूकफील्ड के प्रसिद्ध कैफे में एक मार्च को हुए विस्फोट में नौ लोग घायल हुए थे और संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचा था। इस संबंध में एनआईए ने नौ सितंबर को आरोपपत्र दाखिल किया था।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया, “कैफे मामले में आरोपपत्र का विवरण सामने आने के बाद हमने भाजपा कार्यालय परिसर और उसके आसपास सुरक्षा बढ़ा दी है।”
पुलिस ने पार्टी से ‘मेटल डिटेक्टर’ व ‘डोर स्कैनर’ लगाने और निगरानी के लिए सभी क्षेत्रों को सीसीटीवी कैमरों से कवर करने का भी निर्देश दिया है।
आरोपपत्र के अनुसार, मुख्य आरोपियों में से दो आईएसआईएस (प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया) के कट्टरपंथी थे, जिन्होंने अपनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धोखाधड़ी से भारतीय सिम कार्ड हासिल किए और बैंक खाते खुलवाए।
आरोपपत्र में बताया गया कि साथ ही उन्होंने “डार्क वेब’’ से डाउनलोड किए गए विभिन्न भारतीय और बांग्लादेशी दस्तावेजों का भी इस्तेमाल किया। बेंगलुरु की एक अदालत के समक्ष दायर आरोपपत्र में, एनआईए ने मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मथीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ को आरोपी बनाया है।
एनआईए ने एक बयान जारी कर बताया कि इन सभी को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था और वर्तमान में वे न्यायिक हिरासत में हैं।