बिहार में अशोक स्तम्भ को लेकर विवाद पहले से ही जारी है और अब इसमें एक नया नाम जुड़ गया है। राज्य विधानसभा के शताब्दी समारोह को यादगार बनाने के लिए विधानसभा के ठीक सामने एक स्तम्भ बनाया जा रहा है और अब इस शताब्दी स्तम्भ को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है। आरजेडी ने शताब्दी स्तम्भ में स्वास्तिक के प्रयोग पर नाराजगी जतायी है और कहा है कि बिहार से अशोक स्तम्भ को प्रतीक के रूप में हटाने की कोशिश हो रही है।
आरजेडी ने नीतीश सरकार पर हमला करते हुए कहा है, "आजादी के बाद देश का यह प्रथम ऐसा स्तम्भ होगा जिसमें अशोक चक्र नहीं है। नीतीश सरकार ने देश की धर्मनिरपेक्ष छवि को ध्वस्त करते हुए अशोक चक्र की जगह स्वास्तिक चिन्ह लगाया है।"
आरजेडी ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने बिहारवासियों को चुनौती दी है कि बिहार से भी अशोक स्तम्भ के प्रतीक चिन्हों को हटाकर/मिटाकर जर्मनी के नाजियों का बदनाम स्वास्तिक चिन्ह माथे पर लगा देंगे। नीतीश कुमार धृतराष्ट्र बनकर ऐसे ही सब देखते रहेंगे।
हालांकि राजद के इस बयान पर सत्तारूढ़ दल के नेता चुप्पी साधे हुए हैं। आपको बता दें कि बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह का जोर-शोर से प्रचार किया जा रहा है। बिहार में हो रहे है इस समारोह के प्रबोधन कार्यक्रम में लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला, सीएम नीतीश कुमार के साथ ही बिहार के तमाम बड़े नेता शामिल हुए थे।