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मांझी क्या खिला रहे हैं गुल ?, इस मुलाकात के पीछे क्या है खेल

बिहार में कोरोना संक्रमण को लेकर लॉकडाउन चल रहा है, इस बीच एनडीए में शामिल दो प्रमुख सहयोगी दलों के...
मांझी क्या खिला रहे हैं गुल ?, इस मुलाकात के पीछे क्या है खेल

बिहार में कोरोना संक्रमण को लेकर लॉकडाउन चल रहा है, इस बीच एनडीए में शामिल दो प्रमुख सहयोगी दलों के नेताओं की मुलाकात ने बिहार की राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। एक दिन पहले ही आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने दो विधायकों के साथ मुलाकात की। शनिवार को पूर्व सीएम और हिंदुस्तानी आवाम मोर्च (हम) पार्टी के मुखिया जीतनराम मांझी और विकासशील इंसान पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी मिले। राजनीतिक जानकर सहनी और मांझी की मुलाकात को बेहद महत्वपूर्ण मान रहे हैं।

जीतनराम मांझी और मुकेश सहनी की इस मुलाकात को लेकर सवाल उठ रहे हैं। क्या बिहार में आगामी दिनों में कोई राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिल सकता है? दोनों ही नेताओं ने मुलाकात के बाद कोई बयान जारी नहीं किया जिसके चलते यह चर्चा हो रही है। मांझी ने मुलाकात को लेकर ट्वीट किया जिसके चलते चर्चा शुरू हो गई।

मांझी ने ट्वीट में लिखा, 'पटना स्थित अपने आवास पर पंचायत प्रतिनिधियों के कार्यकाल को बढ़ाए जाने सहित अन्य मुद्दों को लेकर बिहार सरकार के पशु और मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री सन ऑफ मल्लाह मुकेश सहनी से विमर्श हुआ।' उन्होंने बताया कि बिहार में कोरोना संकट की वजह से पंचायत चुनाव की संभावना कम है। ऐसे में पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल बढ़ाने को लेकर विचार किया गया। इससे पहले खुद मांझी ने ट्वीट करके सीएम नीतीश कुमार से पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल 6 महीने बढ़ाने की अपील की थी।

बिहार में पंचायती राज व्यवस्था का कार्यकाल 15 जून को खत्म हो जायेगा। कोरोना संकट के चलते समय पर चुनाव नहीं हो सका। माना जा रहा है कि राज्य सरकार अब पंचायतों की व्यवस्था अफसरों के हाथ देने व अन्य विकल्पों पर विचार कर रही है। वहीं, सत्ता पक्ष और विपक्ष की तरफ से लगातार यह मांग की जाने लगी है कि पंचायतों के कार्यकाल को बढ़ाया जाए।

बिहार में कोरोना संक्रमण को लेकर पूर्व सीएम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ तो की, साथ ही नसीहत भी दी। उन्होंने शनिवार को अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा, 'अपने बेहतर और अद्वितीय कार्य से कोरोना में कमी लाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद। वैसे लॉकडाउन कोविड का समाधान नहीं, सही मायने में स्वास्थ्य संकट से निपटना है तो गांवों के उप स्वास्थ्य केन्द्रों तक को सुव्यवस्थित करना होगा ताकि भविष्य में स्वास्थ्य संकट से निपटा जा सके।'  बता दें कि 0मांझी ने कभी भी लॉकडाउन का समर्थन नहीं किया है।

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