पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि केंद्र सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए राज्य को धन नहीं दे रहा है लेकिन उनकी सरकार पैसे की व्यवस्था करेगी। ममता घाटल में पार्टी उम्मीदवार देव के पक्ष में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) धार्मिक ध्रुवीकरण का प्रयास कर रही है।उन्होंने भाजपा पर निशाना सााधते हुए सवाल किया, "लोगों के बैंक खातों में 15 लाख रुपये दिए जाने के वादे का क्या हुआ?"
इससे पहले बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा 26,000 शिक्षकों की नौकरी रद्द करने के आदेश पर भी प्रतिक्रिया दी। इसे एक ज़बरदस्त चुनावी संदेश माना जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा या सीपीएम या कांग्रेस को शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों में से कोई वोट नहीं देता है।"
दूसरी तरफ, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उच्च न्यायालय के आदेश के बाद लगभग 26,000 नौकरियां रद्द होने के मामले को लेकर शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस की आलोचना की और कहा कि पश्चिम बंगाल के युवाओं को पार्टी की ‘‘कट और कमीशन’’ की संस्कृति के कारण नुकसान उठाना पड़ा है और यह अब ‘‘घोटालों का पर्याय’’ बन गई है।
प्रधानमंत्री ने मालदा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि जिन युवाओं ने तृणमूल नेताओं को रिश्वत देने के लिए कर्ज लिया था, वे इस स्थिति के कारण बोझ से दबे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘तृणमूल घोटाले करती है जिसका खामियाजा राज्य की जनता को भुगतना पड़ता है। पार्टी बंगाल के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।’’
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा संचालित और उससे सहायता प्राप्त विद्यालयों में, राज्य स्तरीय चयन परीक्षा-2016 (एसएलएसटी) की भर्ती प्रक्रिया के जरिए हुई शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मियों की 25,753 नियुक्तियों को रद्द करने का सोमवार को आदेश दिया था तथा चयन प्रक्रिया को ‘‘अमान्य एवं अवैध’’ करार दिया था।