पश्चिम बंगाल में वोट प्रतिशत बढ़ने के भाजपा के दावों को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए तृणमूल कांग्रेस ने रविवार को कहा कि यह राज्य में चुनावी हार की अनदेखी करने और चुनाव नतीजों के बाद पार्टी में तेजी से बिखराव पर रोक लगाने का एक हताशापूर्ण कदम है।
टीएमसी के वरिष्ठ सांसद सौगत रॉय भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। नड्डा ने नयी दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन और वोट प्रतिशत में वृद्धि को रेखांकित करते हुए इनकी तुलना 2016 के विधानसभा चुनाव और 2014 तथा 2019 लोकसभा चुनाव में पार्टी के वोट प्रतिशत से की।
नड्डा ने यह भी कहा कि बंगाल में भाजपा की बढ़त जैसे भारतीय राजनीति में बहुत कम उदाहरण हैं।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए रॉय ने कोलकाता में संवाददाताओं से कहा कि भाजपा के इस प्रकार के दावे चुनावी हार से ध्यान भटकाने के प्रयास हैं। उन्होंने कहा, ‘‘बंगाल में भाजपा बिखर रही है और इस स्थिति से केंद्रीय नेतृत्व वाकिफ है।’’
उन्होंने कहा कि भाजपा इस तरह के बयानों के जरिए पश्चिम बंगाल में अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने की कोशिश कर रही है, लेकिन "प्रयास व्यर्थ हो जाएंगे।"
भगवा पार्टी को राज्य में हाल के उपचुनावों और इस साल की शुरुआत में हुए विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है।
नड्डा ने टीएमसी शासित पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ कथित राजनीतिक हिंसा का भी कड़ा संज्ञान लिया। उन्होंने कहा, 'मैं पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के माध्यम से स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम चुप नहीं बैठने वाले हैं। हम बंगाल में पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए लोकतांत्रिक तरीके से निर्णायक लड़ाई लड़ेंगे और राज्य में कमल खिलेगा।
आरोप का जवाब देते हुए रॉय ने कहा कि भाजपा हर छिटपुट घटना और स्थानीय विवाद को चुनाव के बाद की हिंसा बता रही है और टीएमसी को जिम्मेदार ठहरा रही है। उन्होंने कहा, "न्यायपालिका और विभिन्न केंद्रीय एजेंसियां कथित घटनाओं (राजनीतिक हिंसा की) की जांच कर रही हैं। क्या टीएमसी की संलिप्तता अभी तक साबित हुई है"?