तीन कृषि कानूनों की वापसी की संवैधानिक प्रक्रिया का पहला कदम सरकार ने आगे बढ़ा दिया है। बुधवार को मोदी सरकार की कैबिनेट ने इन कानूनों का वापसी वाले बिल को मंजूरी दे दी है। साथ ही इसे अगले हफ्ते संसद में पेश किया जाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने बीते शुक्रवार को ही इन कानूनों की वापसी का ऐलान किया था।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, 'आज कैबिनेट बैठक में कृषि क़ानूनों को औपचारिक रूप से वापस लेने का निर्णय लिया गया है। अगले हफ्ते में पार्लियामेंट की कार्यवाही शुरू होगी वहां पर दोनों सदनों में कृषि क़ानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा।'
इसके साथ ही अनुराग ठाकुर ने कहा कि कैबिनेट बैठक में निर्णय किया गया है कि कोविड महामारी के चलते हुए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत देश के लगभग 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को 5 किलो गेंहू और चावल मुफ़्त में देने की योजना जो मार्च 2020 से लेकर अब तक देने का काम किया है। उसे दिसंबर से लेकर मार्च 2022 तक और 4 महीनों के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होगा। संसदीय नियमों के मुताबिक किसी भी पुराने कानून को वापस लेने की भी वही प्रक्रिया है जो किसी नए कानून को बनाने की है। जिस तरह से कोई नया कानून बनाने के लिए संसद के दोनों सदनों से बिल पारित करवाना पड़ता है ठीक उसी तरह पुराने कानून को वापस लेने या समाप्त करने के लिए संसद के दोनों सदनों से बिल पारित करवाना पड़ता है।