केरल में ऑर्थोडॉक्स चर्च के एक वरिष्ठ पादरी और भाकपा के एक वरिष्ठ नेता ने पिछले दिनों केरल के एक स्कूल में क्रिसमस आयोजन के दौरान विश्व हिंदू परिषद (विहिप) द्वारा कथित रूप से उत्पन्न किए गए अवरोध का जिक्र करते हुए मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा।
मलंकारा ऑर्थोडॉक्स सीरियन चर्च के त्रिशूर बिशपक्षेत्र के युहानोन मोर मेलेटियस ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर प्रधानमंत्री की आलोचना की। इससे एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नयी दिल्ली में कैथलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में हिस्सा लिया था।
पादरी ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘वहां बिशपों का सम्मान किया जाता है और क्रिब का सम्मान किया जाता है। यहां क्रिब में तोड़फोड़ की जाती है। मलयालम में ऐसे व्यवहार के लिए कोई शब्द होना चाहिए, है न?’’
‘क्रिब’ ईसा मसीह के जन्म को दर्शाने वाली प्रदर्शनी होती हैं।
केरल में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के स्थानीय कार्यकर्ताओं द्वारा एक स्कूल में क्रिसमस समारोह में कथित रूप से व्यवधान उत्पन्न करने तथा पलक्कड जिले में अज्ञात उपद्रवियों द्वारा एक अन्य स्कूल में बच्चों द्वारा बनाए गए प्रतीकात्मक ‘क्रिब’ को नुकसान पहुंचाने के कारण हाल में राज्य में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ।
राज्य सरकार ने घटनाओं की जांच के लिए एक विशेष पुलिस दल को तैनात किया है।
इस बीच राज्य में सत्तारूढ़ एलडीएफ में दूसरे सबसे बड़े घटक दल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने नयी दिल्ली में सीबीसीआई के क्रिसमस समारोह में प्रधानमंत्री के शामिल होने की तीखी आलोचना की और इसे ‘‘राजनीतिक पाखंड’’ करार दिया।
भाकपा के प्रदेश सचिव बिनॉय विस्वाम ने एक बयान में आरोप लगाया कि एक तरफ प्रधानमंत्री नयी दिल्ली में ईसा मसीह और उनके प्रेम को लेकर उपदेश दे रहे हैं, दूसरी तरफ उनके ‘संघ बंधु’ केरल के नल्लेपिल्ली में क्रिसमस समारोह में रोड़े अटकाकर ईशनिंदा का काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री के सीबीसीआई मुख्यालय में बोले गए शब्दों में थोड़ी भी शुचिता है तो उन्हें क्रिसमस के दौरान प्यार और शांति के संदेश के साथ मणिपुर जाना चाहिए। विस्वाम ने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री मणिपुर जाने को तैयार हैं?
प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को सीबीसीआई के समारोह में कहा कि जब समाज में हिंसा फैलाने और अवरोध पैदा करने की कोशिश की जाती है तो उनके हृदय में पीड़ा होती है।
मोदी ने कल आयोजित समारोह में ईसा मसीह के उपदेशों के अनुरूप प्रेम, सौहार्द और भाईचारे की भावना मजबूत करने के महत्व पर जोर दिया।
यह पहली बार है जब किसी प्रधानमंत्री ने भारत में कैथोलिक चर्च के मुख्यालय में इस तरह के कार्यक्रम में भाग लिया है।