जाति आधारित जनगणना को लेकर फिर एक बार बिहार की राजनीति गर्म है। जाति आधारित जनगणना कराने की मांग को लेकर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने एक सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में विधायकों की एक समिति बनाई जानी चाहिए। ये समिति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर जाति आधारित जनगणना कराने की मांग करे। बिहार विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश होने पर नेता प्रतिपक्ष ने यह मांग उठाई।
तेजस्वी यादव ने कहा कि अतीत में दो बार विधानसभा और विधान परिषद ने सर्वसम्मति से जाति आधारित जनगणना के समर्थन में प्रस्ताव पारित किया है, ऐसे मे इस बार यह किया जाना चाहिए। संसद में पिछले सप्ताह केंद्र सरकार की ओर से कहा गया था कि अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों की जनगणना कराने का प्रस्ताव दिया गया है। यह किसी अन्य सामाजिक वर्ग के लिए नहीं कराया जाएगा।
यादव ने कहा, "हमारी मांग को बिहार विधानसभा में 2 बार सर्वसम्मति से पास किया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं कि होनी चाहिए परन्तु कराएगा कौन? केंद्र सरकार ने स्पष्ट रूप से लिखकर मना कर दिया है।"
तेजस्वी यादव ने आगे कहा, "हम विपक्ष के नेताओं से बैठक में फैसला लेना चाहते हैं कि मुख्यमंत्री से मिलकर ये बात कहें कि आप प्रधानमंत्री से मिलने का समय लीजिए। बिहार विधानसभा का एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से मिलकर मांग करें कि जो बाकी की छूटी हुई जातियां हैं, उन्हें भी शामिल किया जाए।"
बता दें कि बिहार में यह मांग फिर से उठने लगी है कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) सहित अन्य जातीय समूहों की भी आरक्षण और जाति विशेष के लिए लाई गई योजनाओं का लाभ देने के लिए जातीय जनगणना की जानी चाहिए। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने केंद्र में सत्ताधारी भाजपा का सहयोगी दल है। इसके बावजूद नीतीश कुमार, जातीय जनगणना के मुद्दे पर अपने प्रतिद्वंद्वी लालू प्रसाद यादव के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं।