कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी के घोषणापत्र को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हमले पर पलटवार करते हुए सोमवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री के वैचारिक पूर्वजों ने स्वतंत्रता आंदोलन के समय अंग्रेजों और मुस्लिम लीग का साथ दिया था। प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार के नवादा जिले में रविवार को एक चुनावी सभा में कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि उसके चुनाव घोषणापत्र में मुस्लिम लीग की छाप है और उसके नेताओं के बयानों में राष्ट्रीय अखंडता व सनातन धर्म के प्रति शत्रुता दिखाई देती है।
खड़गे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘मोदी-शाह के राजनीतिक व वैचारिक पुरखों ने स्वतंत्रता आंदोलन में भारतियों के ख़िलाफ़, अंग्रेज़ों और मुस्लिम लीग का साथ दिया था। आज भी वो आम भारतीय नागरिकों के योगदान से बनाए गए कांग्रेस के ‘न्याय पत्र’ के ख़िलाफ़ मुस्लिम लीग की दुहाई दे रहे हैं।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘ मोदी-शाह के पुरखों ने 1942 में ‘‘भारत छोड़ो’’ आंदोलन के दौरान, महात्मा गांधी के आह्वान व मौलाना आज़ाद की अध्यक्षता वाले आंदोलन का विरोध किया। सभी जानते है कि आपके पुरखों ने 1940 के दशक में मुस्लिम लीग के साथ मिलकर बंगाल, सिंध और उत्तर पश्चिम सीमांत प्रांत में अपनी सरकार बनाई।’’
खड़गे ने सवाल किया कि क्या श्यामा प्रसाद मुख़र्जी ने तत्कालीन अंग्रेज़ गवर्नर को ये नहीं लिखा था कि 1942 के कांग्रेस के ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ को कैसे दबाना चाहिए और इसके लिए वह अंग्रज़ों का साथ देने के लिए तैयार है? उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी-शाह व उनके द्वारा नामित अध्यक्ष (जेपी नड्डा) आज कांग्रेस घोषणापत्र के बारे में उल्टी-सीधी भ्रांतियां फैला रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी-शाह व उनके द्वारा नामित अध्यक्ष (जेपी नड्डा) आज कांग्रेस घोषणापत्र के बारे में उल्टी-सीधी भ्रांतियां फैला रहे हैं। खड़गे ने दावा किया, ‘‘मोदी जी की भाषणों में केवल आरएसएस की बू आती है, दिन पर दिन भाजपा की चुनावी हालत इतनी खस्ता होती जा रही है कि आरएसएस को अपने पुराने मित्र - मुस्लिम लीग - की याद सताने लगी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सच केवल एक है - कांग्रेस के न्याय पत्र में हिंदुस्तान के 140 करोड़ लोगों की आशाओं व आकांक्षाओं की छाप है। उनकी सम्मिलित शक्ति, मोदी जी के 10 सालों के अन्याय काल का अंत करेगी।’’