कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने गुरुवार को अपने पार्टी सहयोगी शशि थरूर पर निशाना साधा। उन्होंने थरूर पर बीजेपी की बातों को दोहराने का आरोप लगाया। यह टिप्पणी थरूर के ‘प्रोजेक्ट सिंडिकेट’ में लिखे एक लेख के बाद आई, जिसमें उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 1975 में लगाए गए आपातकाल की आलोचना की। तमिलनाडु के विरुधुनगर से सांसद टैगोर ने एक्स पर लिखा, "जब कोई सहयोगी बीजेपी की बातें शब्दशः दोहराने लगता है, तो सोच में पड़ जाते हैं—क्या चिड़िया तोता बन रही है? नकल चिड़ियों में प्यारी लगती है, राजनीति में नहीं।"
थरूर ने अपने लेख में कहा कि आपातकाल ने दिखाया कि स्वतंत्रता का हनन धीरे-धीरे होता है। उन्होंने इसे ‘उदार कारणों’ के नाम पर छोटी-छोटी आजादियों को छीनने का उदाहरण बताया। इस लेख ने कांग्रेस के भीतर बहस छेड़ दी, क्योंकि पार्टी आपातकाल पर पहले ही अपनी स्थिति स्पष्ट कर चुकी है। टैगोर का तंज थरूर के हाल के बयानों से भी जुड़ा है, जिसमें उन्होंने भारत-पाकिस्तान तनाव और ऑपरेशन सिंडूर पर टिप्पणियां कीं, जो कांग्रेस की आधिकारिक राय से अलग थीं।
थरूर के बयानों ने पार्टी में तनाव बढ़ा दिया है। पहले भी, मई 2025 में, उन्हें ऑपरेशन सिंडूर के लिए सरकारी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए चुना गया था, जिसे कांग्रेस ने अपनी पसंद के खिलाफ बताया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा था कि "कांग्रेस में होना और कांग्रेस का होना में जमीन-आसमान का अंतर है।" पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी थरूर की पीएम मोदी की तारीफ पर तंज कसते हुए कहा था कि कुछ के लिए "मोदी पहले, देश बाद में" है।
थरूर ने स्पष्ट किया कि वह बीजेपी में शामिल होने की योजना नहीं बना रहे। उन्होंने कहा कि उनके बयान राष्ट्रीय एकता और हित के लिए हैं। फिर भी, उनकी लगातार स्वतंत्र टिप्पणियों ने कांग्रेस नेतृत्व के साथ मतभेदों को उजागर किया है। यह विवाद पार्टी में आंतरिक एकता और अनुशासन पर सवाल उठाता है।