बिहार में महागठबंधन में टूट की खबरें आने के बाद से ही राजनीतिक बयानबाजियां तेज होती नजर आ रही हैं। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद द्वारा रविवार को बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरणदास के खिलाफ दिए गए बयान पर कांग्रेस नेताओं ने आपत्ति जताई है। भक्त चरणदास ने सोमवार को कहा कि वह देश के एक सम्मानित वरिष्ठ नेता हैं और उनके बड़े भाई की तरह हैं।
दास ने कहा, "लालू प्रसाद मेरे बारे में जो चाहें कह सकते हैं, लेकिन मैं हमेशा उन्हें अपना सम्मान दूंगा। मैंने पहले भी ऐसा किया था और अब भी कर रहा हूं और भविष्य में भी करता रहूंगा।"
उन्होंने आगे कहा, "लालू प्रसाद और उनकी पार्टी ने लंबे समय तक राज्य पर शासन किया था। उन्होंने हमेशा दावा किया कि वह समाज में पिछड़े वर्गों और हाशिए के लोगों के नेता हैं। मैं कहना चाहता हूं कि वह और उनकी पार्टी इन लोगों के जीवन स्तर और ताकत को उठाने में विफल क्यों रहे। कांग्रेस और राजद का गठबंधन अब टूट चुका है. कांग्रेस पार्टी अगले लोकसभा चुनाव में सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ेगी"
लालू के बयानों पर विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने कहा है कि लालू प्रसाद ने अपशब्दों का उपयोग किया है। कांग्रेस इसकी भर्त्सना करती है। राजनीति में गरिमा का ख्याल रखा जाना चाहिए। यदि यही रवैया रहा तो कांग्रेस भी संयम तोड़ने में पीछे नहीं रहेगी।
कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने भी इस लालू की ओर से की गई टिप्पणी के खिलाफ बयान दिया है। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद को यह ध्यान नहीं आ रहा है कि बिना कांग्रेस के 19 विधायकों के समर्थन के उनके पुत्र तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। लालू यादव को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे कांग्रेस से दूर होकर जदयू या भाजपा किसके साथ जाकर अपने पुत्र को मुख्यमंत्री बनाने का सपना देख रहे हैं।
प्रदेश प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने कहा कि यह सिर्फ किसी व्यक्ति का अपमान नहीं है, बल्कि यह दलित समुदाय का अपमान है। आखिर उन्हें दलित समुदाय से इतनी परेशानी क्यों है? आरोप लगाया कि लालू यादव पुत्रमोह में सामंतवादी होते जा रहे हैं।
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बता दें कि आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव काफी लंबे वक्त के बाद पटना पहुंच रहे हैं। दिल्ली से पटना निकलने के पहले रविवार को लालू कांग्रेस पर भड़क गए। उन्होंने कहा कि "भक्त चरण दास भकचोनहर दास" है। यह लालू यादव का कांग्रेस को लेकर यह तेवर काफी तल्ख था।उन्होंने कहा, "कुशेश्वरस्थान सीट कांग्रेस को हारने और जमानत जब्त कराने के लिए दे देते? कांग्रेस से क्या गठबंधन होगा, क्या मतलब है गठबंधन का?
दरअसल, कांग्रेस इस बात का ऐलान कर चुकी है कि वो अगले लोकसभा चुनाव में सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। जिसके बाद अब ये स्पष्ट हो गया है कि राज्य में महागठबंधन टूट गया है। कांग्रेस बिहार प्रभारी भक्त चरण दास ने महागठबंधन में टूट के लिए लालू यादव की पार्टी आरजेडी को जिम्मेदार ठहराया है। गौरतलब है कि पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस, राजद और लेफ्ट पार्टियों ने मिलकर महागठबंधन के तहत चुनाव लड़ा था।