कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि किसी भी पूजा स्थल की स्थिति को बदलने का कोई प्रयास नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इससे देश में बड़ा संघर्ष होगा। उन्होंने कहा कि इस तरह के संघर्ष से बचने के लिए नरसिम्हा राव सरकार ने पूजा स्थल अधिनियम पारित किया था।
उनकी यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट द्वारा वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के निरीक्षण पर रोक लगाने से इनकार करने के एक दिन बाद आई है। चिदंबरम ने कहा कि पूजा स्थल अधिनियम को गहन विचार के बाद पारित किया गया था और उस अधिनियम में एकमात्र अपवाद राम जन्मभूमि था।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "हम मानते हैं कि अन्य सभी पूजा स्थलों को उसी स्थिति में रहना चाहिए जो वे हैं और वे थे। हमें किसी भी पूजा स्थल की स्थिति को बदलने का प्रयास नहीं करना चाहिए, इससे केवल बड़ा संघर्ष होगा और इस तरह के संघर्ष से बचने के लिए नरसिंह राव सरकार ने पूजा स्थल अधिनियम पारित किया है।"
शीर्ष अदालत ज्ञानवापी परिसर के सर्वेक्षण के खिलाफ एक मुस्लिम पक्ष की याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करने पर सहमत हो गई है। ज्ञानवापी मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हुज़ेफ़ा अहमदी ने प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना, न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ को बताया कि वाराणसी स्थल पर किए जा रहे सर्वेक्षण के खिलाफ याचिका दायर की गई है।