पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस ने कर्नाटक में सरकारी ठेकों में मुस्लिम समुदाय के लिए चार फीसदी आरक्षण के जरिये संविधान को खत्म करने की ‘‘सुपारी’’ देने का प्रयास किया है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार का यह कदम असंवैधानिक होने के साथ आपराधिक भी है. नकवी ने कॉमेडियन कुणाल कामरा से जुड़े विवाद पर कहा कि ‘‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, अराजकता की उद्दंडता का सुरक्षा कवच’’ नहीं हो सकती.
उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में यह भी कहा कि कांग्रेस इस ‘छल’ के माध्यम से अपनी नाकामियां छिपाना चाहती है. पूर्व अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने आरोप लगाया कि यह ‘‘संविधान की सुपारी’’ देने का प्रयास है.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने सोमवार को राज्य में मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण को समायोजित करने के लिए संविधान में बदलाव के बारे में कोई भी टिप्पणी करने से इनकार किया और दावा किया कि उनकी बात को गलत तरीके से पेश किया गया।
उन्होंने विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने की चेतावनी दी। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, "मैं एक समझदार वरिष्ठ राजनेता हूं... मैं पिछले 36 वर्षों से विधानसभा में हूं। मेरे पास बुनियादी सामान्य ज्ञान है। मैंने ऐसा कभी नहीं कहा (संविधान बदलने के बारे में)।"