कांग्रेस ने भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख माधवी बुच के खिलाफ ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ के आरोपों को लेकर सोमवार को केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यदि इस पूरे मामले पर जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) से जांच की मांग स्वीकार नहीं की गई तो वह देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू करेगी।
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने आरोपों को ‘बहुत गंभीर’’ बताया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर इस मामले पर अदाणी का समर्थन करने का आरोप लगाया। वेणुगोपाल ने हवाईअड्डे पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस मामले पर प्रधानमंत्री की चुप्पी विश्वसनीयता को खत्म करने के समान है।’’
उन्होंने केंद्र सरकार पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय का इस्तेमाल कर मामले से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
अलप्पुझा से सांसद ने कहा, ‘‘राहुल गांधी को ईडी की नोटिस से धमकाने की कोशिश न करें। हम इस तरह की मुद्दे से ध्यान भटकाने वाली रणनीति का कड़ा विरोध करेंगे।’’
वेणुगोपाल ने कहा कि ‘‘यह देश का सबसे गंभीर मुद्दा है" और अगर जेपीसी जांच की मांग स्वीकार नहीं की गई, तो देश भर में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार को आरोप लगाया था कि सेबी की अध्यक्ष बुच और उनके पति के पास कथित अदाणी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ‘विदेशी फंड’ में हिस्सेदारी थी।
सेबी प्रमुख बुच और उनके पति ने एक संयुक्त बयान जारी कर हिंडनबर्ग के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे पूरी तरह से बेबुनियाद बताया है।
अदाणी समूह ने अमेरिकी शोध एवं निवेश फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च के नवीनतम आरोपों को दुर्भावनापूर्ण और चुनिंदा सार्वजनिक सूचनाओं से छेड़छाड़ करने वाला बताते हुए रविवार को कहा कि उसका बाजार नियामक सेबी की अध्यक्ष या उनके पति के साथ कोई वाणिज्यिक संबंध नहीं है।