राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार ने नामांकन दाखिल करने की समयसीमा से एक दिन पहले सोमवार को कहा कि विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) के बीच राज्य की कुल 288 सीटों में से 90 से 95 प्रतिशत सीटों पर आम सहमति बन गयी है।
पवार ने पत्रकारों से बातचीत में भाजपा पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि उनकी लड़ाई प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों में फूट डलवाने वाले और अपनी विचारधारा से समझौता करने वाले लोगों के खिलाफ है।
उन्होंने दावा किया कि सत्ता में बैठे लोगों ने जनता की समस्याएं हल नहीं की।
एमवीए में राकांपा (एसपी), कांग्रेस और उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) शामिल हैं।
शिवसेना जून 2022 में दो धड़ों में विभाजित हो गयी थी जिससे ठाकरे नीत एमवीए सरकार गिर गयी थी जबकि शरद पवार द्वारा स्थापित राकांपा में उस समय फूट पड़ गयी थी जब उनके भतीजे अजित पवार जुलाई 2023 में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल हो गए थे।
शरद पवार ने कहा, ‘‘जो लोग सत्ता में हैं उन्होंने जनता की समस्याओं का समाधान नहीं किया। हम उन लोगों के खिलाफ लड़ रहे हैं जिन्होंने राजनीतिक दलों में फूट डाली, अपनी विचारधारा के साथ अनावश्यक समझौता किया और ऐसे काम किये जो उन्हें नहीं करने चाहिए थे।’’
सरकार की लाडकी बहिन योजना जैसी कल्याणकारी योजनाओं के कारण चुनावों में विपक्ष के समक्ष संभावित चुनौतियों के बारे में पूछे जाने पर शरद पवार ने कहा कि जो लोग इतने लंबे समय से सत्ता में हैं उन्होंने ऐसी कोई योजना नहीं बनायी।
पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि इस साल की शुरुआत में लोकसभा चुनावों में सत्तारूढ़ महायुति को मिले बड़े झटके के बाद ही लाडकी बहिन योजना शुरू की गयी।
लोकसभा चुनाव में एमवीए ने राज्य में कुल 48 में से 31 सीटें जीती थी।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    