मुंबई 26/11 हमले के मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाया गया है। उसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी की विशेष सेल में रखा गया, जहां उस पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। पूरे मामले की जांच की जिम्मेदारी एनआईए को सौंपी गई है। कोर्ट ने राणा को 18 दिनों की पूछताछ के लिए एनआईए को सौंप दिया है। इस दौरान सीसीटीवी और मैनुअल सर्विलांस के जरिए उसकी हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। राणा से पूछताछ की जा रही है। साथ ही उसे फांसी देने की भी मांग हो रही है। वहीं कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि कसाब की तरह राणा को भी कोर्ट में अपना पक्ष रखने का मौका मिलना चाहिए। इसके बाद शिवसेना नेता शाइना एनसी ने इस बयान पर कांग्रेस पर पलटवार की है।
दिग्विजय सिंह का बयान
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि राणा का प्रत्यर्पण यूपीए सरकार के प्रयासों का नतीजा है। उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने इसकी शुरुआत की थी। इसमें मोदी सरकार का कोई योगदान नहीं है। राणा को अमेरिका में गिरफ्तार करने और उसे भारत लाने की प्रक्रिया यूपीए के समय शुरू हुई थी।" इस बयान के बाद राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई। शिवसेना नेता शाइना एनसी ने कांग्रेस पर पलटवार किया।
शाइना एनसी का पलटवार
शाइना एनसी ने दिग्विजय सिंह के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "कांग्रेस हमेशा विवादित बयान देती है। दिग्विजय सिंह ने 26/11 हमले को आरएसएस से जोड़ने की कोशिश की थी। लेकिन यह गर्व की बात है कि मोदी सरकार ने अमेरिका से अच्छे संबंधों के चलते राणा का प्रत्यर्पण करवाया। यह 26/11 में जान गंवाने वालों के लिए न्याय का अवसर है। कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति और तुष्टिकरण की नीति को हर कोई देख रहा है। आतंकवाद का मामला राजनीति से अलग है। इसे जल्दी से जल्दी कोर्ट में ले जाना चाहिए।"
शाइना एनसी ने आगे कहा कि राणा जैसे आतंकवादी को जल्द से जल्द सजा मिलनी चाहिए। वह 26/11 हमले का मास्टरमाइंड है। उसका नाम डेविड हेडली और आईएसआई के मेजर इकबाल से भी जुड़ा है। मौत की सजा सही कदम है, जो लोगों की भावनाओं के है।"