दिल्ली विधानसभा का सत्र 26 और 27 सितंबर को होगा। ऐसे में आसार है ये सत्र काफी हंगामेदार हो सकता है।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने भाजपा के अन्य विधायकों के साथ बुधवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि कई ऐसे मुद्दे हैं जिनका समाधान आगामी सत्र के दौरान किये जाने की जरूरत है।
गुप्ता ने कहा, ‘‘हम जानना चाहते हैं कि अरविंद केजरीवाल ने जेल से कैसे दिल्ली की सरकार चलाई जबकि मंत्रिमंडल की कोई बैठक नहीं हुई, विधानसभा का कोई सत्र नहीं हुआ और वह किसी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते थे।’’
उन्होंने कहा कि भाजपा उन 50 मौतों की जवाबदेही की मांग करती है जो सरकार की लापरवाही की वजह से डूबने और बिजली का करंट लगने से हुईं।
गुप्ता ने कहा कि कैग रिपोर्ट गत चार साल से सदन के पटल पर नहीं रखी गई है। उन्होंने कहा, ‘‘यह संवैधानिक मामला है और हम कैग रिपोर्ट को सदन में रखने की मांग करते हैं।’’
विश्वास नगर से विधायक ओ.पी.शर्मा ने आरोप लगाया, ‘‘ सभी विभागों में चारों तरफ भ्रष्टाचार है।’’उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘चाहे अस्पताल हो या जल विभाग या कोई अन्य विभाग। यह बहुत स्पष्ट है कि आज दिल्ली में कोई व्यवस्था सही काम नहीं कर रही है।’’
भाजपा विधायकों ने विधानसभा सत्र बुलाने के समय पर भी सवाल उठाया और पूछा कि क्या यह सत्र मजबूरी में बुलाया जा रहा है या कोई एजेंडा भी है।
गुप्ता ने कहा, ‘‘विधानसभा का पिछला सत्र आठ अप्रैल को बुलाया गया था और संविधान के मुताबिक यह अनिवार्य है कि सत्र छह महीने के भीतर बुलाया जाए अन्यथा विधानसभा स्वत: भंग हो जाती है। इससे बचने के लिए यह सत्र बुलाया गया है क्योंकि आठ अक्टूबर से पहले सत्र बुलाना मजबूरी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हम पूछना चाहते हैं कि इस सत्र को मजबूरी में बुलाया गया है या कोई एजेंडा भी है? क्योंकि हमें एजेंडे के बारे में कोई जानकारी नहीं है।’’
भाजपा विधायकों ने दावा किया कि उनकी पार्टी ने आगामी सत्र की मियाद बढ़ाने की मांग की है ताकि सभी मुद्दों पर सही ढंग से चर्चा की जा सके।