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पेगासस जासूसी कांड पर संसद में चर्चा की मांग, साथ आईं 14 विपक्षी पार्टियां, राहुल बोले- पीछे नहीं हटेंगे

संसद में अब पेगासस जासूसी कांड पर चर्चा की मांग तेज हो गई है। इसके खिलाफ देश की 14 विपक्षी पार्टियां साथ...
पेगासस जासूसी कांड पर संसद में चर्चा की मांग, साथ आईं 14 विपक्षी पार्टियां, राहुल बोले- पीछे नहीं हटेंगे

संसद में अब पेगासस जासूसी कांड पर चर्चा की मांग तेज हो गई है। इसके खिलाफ देश की 14 विपक्षी पार्टियां साथ आ गईं है। इस मुद्दे को लेकर आज सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्ष दिलों ने बैठक की। इस बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि पेगासस मुद्दे को लेकर किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेंगें। इस मामले में सरकार को जवाब देना ही होगा। कहा जा रहा है कि इसे लेकर 10 दलों द्वारा नोटिस भी दिया जाएगा। जिसमें राहुल गांधी के भी हस्ताक्षर होंगें।

अभी तक संसद में विपक्षी अलग-अलग मुद्दों को लेकर सवाल कर रहे थे, लेकिन अब सभी पेगासस मामले को लेकर एकजुट हो गए हैं। इसे लेकर बुधवार को विपक्ष की एक बैठक भी हुई थी जिसमें आईएनसी, डीएमके, वीसीके, केसीएम, आरएसपी, एनसीपी, एसएस, आरजेडी, एसपी, सीपीआईएम, सीपीआई, एनसी, एएपी, आईयूएमएल शामिल थे।

इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा , 'हम चाहते हैं कि सदन चले और वहां पेगासस मामले पर चर्चा हो। पेगासस मामले की जांच कई देशों में हो रही हैं तो भाजपा इसकी जांच अपने देश में क्यों नहीं कर रही है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह को इसकी जांच करवानी चाहिए।'

वहीं केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा , 'कांग्रेस से अपना घर संभल नहीं रहा। आज भी अधिकांश विपक्ष के लोग चाहते हैं कि संसद चले, वाद-विवाद और चर्चा होनी चाहिए। लेकिन कांग्रेस अपने नकारात्मक फैसलों को विपक्ष पर थोपकर विपक्ष की अन्य पार्टियों की सकारात्मक सोच को भी बंधक बनाना चाहती है।'

गौरतलब है कि विदेशी मीडिया समेत कुल 16 संस्थानों ने एक संयुक्त रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें भारत के 300 वैरिफाइड मोबाइल नंबरों की कथित रूप से जासूसी किए जाने का दावा किया गया था। इस जासूसी के लिए इजराइल के पेगासस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल होने की बात सामने आई थी। दावा किया जा रहा है कि एनएसओ के डाटाबेस से लीक हुई इस लिस्ट में विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत दो केंद्रीय मंत्रियों प्रह्लाद सिंह पटेल, रेलवे और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव, कारोबारी अनिल देशमुख, सीबीआई के पूर्व चीफ समेत करीब 40 नामचीन पत्रकारों के मोबाइल नंबर शामिल हैं। हालांकि, यह पुष्टि अब तक नहीं हो पाई है कि इन सभी के मोबाइल फोन हैक किए गए थे। 

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