पाकिस्तान के कब्जे (पीओके) वाले कश्मीर में गेहूं के आटे, बिजली की ऊंची कीमतों और अधिक कर के खिलाफ शुरू की गई पूर्ण हड़ताल सोमवार को चौथे दिन भी जारी रही, जिससे पूरे क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। वहीं, सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई हिंसक झड़पों के बाद पाकिस्तान सरकार ने स्थिति पर काबू पाने के प्रयास तेज कर दिए हैं।
विवादित क्षेत्र में शनिवार को पुलिस और अधिकार आंदोलन के कार्यकर्ताओं के बीच झड़पें हुईं, जिसमें कम से कम एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई और 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे। घायलों में ज्यादातर पुलिसकर्मी थे। शुक्रवार को पूर्ण हड़ताल करने से जनजीवन ठप हो गया।
प्रदर्शनकारियों और राज्य सरकार के बीच बातचीत विफल हो जाने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक कर सकते हैं। जम्मू कश्मीर संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी (जेएएसी) के सदस्य क्षेत्र में जलविद्युत उत्पादन लागत के अनुसार बिजली की कीमतों को तय करने, गेहूं के आटे पर सब्सिडी और कुलीन वर्ग के विशेषाधिकारों को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं।
जेएएसी के नेतृत्व में पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) की राजधानी मुजफ्फराबाद में एक लंबा मार्च निकाला गया। जेएएसी कोर कमेटी और क्षेत्र के मुख्य सचिव दाऊद बराच के बीच हुई बातचीत में कोई समाधान न निकलने के बाद प्रदर्शनकारियों ने मुजफ्फराबाद की ओर कूच करने का एलान किया। रावलकोट के एक प्रदर्शनकारी नेता ने सरकार पर टालमटोल की रणनीति अपनाने का आरोप लगाया।
पाकिस्तानी अखबार डॉन में प्रकाशित खबर के मुताबिक प्रदर्शनकारी पहले ही कई स्थानों पर कोहाला-मुजफ्फराबाद रोड को बंद कर वहां धरने पर बैठ हुए हैं। खबर में बताया गया कि चौराहों और संवेदनशील स्थानों पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। बाजार, व्यापार केंद्र और शैक्षणिक संस्थान बंद हैं, जबकि यातायात सेवाएं ठप्प हैं। मीरपुर में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच शनिवार को झड़प होने के बाद तथाकथित सरकार ने रेंजर्स को बुलाया।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई हिंसक झड़प पर चिंता जाहिर करते हुए रविवार को कहा, ''कानून को अपने हाथ में लेने को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा"। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने पीओके के तथाकथित प्रधानमंत्री चौधरी अनवारुल हक से बात की है और क्षेत्र के सभी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन पदाधिकारियों को एक्शन कमेटी के नेताओं से बात करने का भी निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा, ''मैं सभी पक्षों से आग्रह करता हूं कि वे अपनी मांगों के समाधान के लिए शांतिपूर्ण तरीका अपनाएं। विरोधियों के सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद उम्मीद है कि मामला जल्द ही सुलझ जाएगा।'' पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने सभी हितधारकों से संयम बरतने और बातचीत तथा आपसी परामर्श के माध्यम से मुद्दों को हल करने का आग्रह किया।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राजनीतिक दलों, राज्य संस्थानों और क्षेत्र के लोगों को जिम्मेदारी से काम करना चाहिए ताकि विरोधी अपने लाभ के लिए स्थिति का फायदा न उठा सकें। राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि कानून के अनुसार क्षेत्र के लोगों की मांग को पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह मौजूदा स्थिति से बाहर निकलने का रास्ता तलाशने के लिए प्रधानमंत्री शरीफ से इन मुद्दों पर चर्चा करेंगे।