राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता और महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ड्रग्स मामलों को लेकर लगातार कई दावे कर रहे हैं। एक तरफ जहां एनीसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर आरोपों की झड़ी लगा रहे हैं। वहीं अब मलिक ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस को निशाने पर लिया है। मलिक ने दावा किया है कि राज्य में देवेंद्र फडणवीस के ड्रग तस्करों से संबंध हैं। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर कई तस्वीरें भी साझा की है। मलिक ने अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष अरुण हलदर को भी निशाने पर लिया और सवाल उठाया कि वह वानखेड़े के घर क्यों गए।
नवाब मलिक ने कहा कि महाराष्ट्र में ड्रग का पूरा खेल कहीं न कहीं देवेंद्र जी के आशीर्वाद से चल रहा था और चल रहा है। जांच हो कि इस शहर में देवेंद्र जी का ड्रग के धंधे में क्या कनेक्शन है।
उन्होंने कहा कि जयदीप राणा नाम का एक व्यक्ति ड्रग तस्करी से जुड़े मामले में फिलहाल जेल में बंद है। मलिक ने दावा किया कि इस शख्स का पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से कनेक्शन है।
मलिक ने बताया कि जयदीप राणा फडणवीस की पत्नी अमृता राणा के एक मशहूर गाने का फाइनेंशियल हेड रह चुका है।
इतना ही नहीं, मलिक ने यह भी आरोप लगाया कि फडणवीस के कार्यकाल में महाराष्ट्र के अंदर ड्रग का धंधा खूब बढ़ा।
उन्होंने यह भी कहा कि समीर दाऊद वानखेड़े इस शहर में पिछले 14 साल में अलग-अलग विभाग में काम करता है, उसका तबादल करने के पीछे महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस हैं और उसे इसलिए लाया गया है कि पब्लिसिटी करके नाजायज़ लोगों को फंसाया जाए और ड्रग का खेल मुंबई और गोवा में चलता रहे।
एनसीपी नेता ने कहा कि यह मामला महाराष्ट्र में अवैध ड्रग्स के कारोबार से जुड़ा है। मैं इस मामले में सीबीआई या न्यायिक जांच की मांग करता हूं।
एनसीपी नेता ने राष्ट्रीय अनुसूचि जाति आयोग के चेयरमैन अरुण हलदर पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अरुण हलदर(राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष) एक वैधानिक पद पर बैठ कर उस व्यक्ति के घर जाते हैं जिस पर शक की सुई है। उनके घर पर जाकर कागजात उलट-पलट कर देखते हैं और क्लीन चिट दे देते हैं कि दस्तावेज सही हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि अरुण हलदर का व्यवहार कहीं न कहीं संदेह के घेरे में है, सीधे ये कह देना कि समीर दाऊद वानखेड़े ने कोई धर्म परिवर्तन नहीं किया और उनके घर चले जाना। ये बहुत सारे सवाल खड़े कर रहा है। हम देश के राष्ट्रपति इसकी शिकायत करेंगे। देश के सामाजिक न्याय राज्य मंत्री जिनका काम अनुसूचित जाति के लोगों को न्याय देने का है लेकिन जिसने फर्जीवाड़ा करके सर्टिफिकेट लिया वो उसका समर्थन करते हैं, ये दुर्भाग्यपूर्ण है।