मध्य प्रदेश में विधानसभा उप चुनाव के लिए जारी प्रचार के बीच कांग्रेस को चुनाव आयोग से झटका लगा है। आयोग ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से स्टार प्रचारक का दर्जा छीन लिया है।आदर्श आचार संहिता का दोबारा उल्लंघन करने के कारण चुनाव आयोग ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ का स्टार प्रचारक का दर्जा हटाया है। चुनाव आयोग ने कहा कि यदि कमलनाथ द्वारा अब से कोई भी कैंपेन किया जाता है, तो पूरा खर्च उस उम्मीदवार द्वारा वहन किया जाएगा जिसके निर्वाचन क्षेत्र में अभियान चलाया जा रहा है। इस फैसले के खिलाफ कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की बात कही है।
क्या दिया था बयान
. कमलनाथ ने गुना के बमौरी की एक सभा में "शिवराज नौटंकी के कलाकार हैं, उन्हें मुंबई जाकर एक्टिंग करनी चाहिए"
. "आपके भगवान तो वो माफिया है, जिससे आपने मध्यप्रदेश की पहचान बनाई, आपके भगवान तो मिलावट खोर हैं"।
इन दोनों बयानों पर भाजपा ने आयोग में शिकायत की थी।
क्यों लिया सख्त फैसला
. आयोग ने उनके द्वारा दोबारा आचार संहिता का उल्लंघन करने पर यह कड़ा फैसला लिया है। कांग्रेस ने आयोग के इस फैसले के खिफाल कल उच्चतम न्यायालय में अपील करने का फैसला किया है। स्टार प्रचाकर के दर्जा खत्म होने का सीधा मतलब है कि अब अगर कमलनाथ किसी के लिए भी प्रचार करते हैं, तो उसका पूरा खर्च उस उम्मीदवार के खाते में जुड़ेगा, जिसके लिए प्रचार किया जा रहा है। स्टार प्रचारकों द्वारा किये जाने वाले प्रचार का खर्च पार्टी के खाते में जाता है।
इमरती देवी मामले में मिली थी चेतावनी
कुछ समय पहले कमलनाथ ने डबरा से भाजपा उम्मीदवार इमरती देवी को आइटम कह दिया था। उस पर भी शिकायत के बाद जांच हुई और कमलनाथ को दोषी पाया गया था किन्तु आयोग ने उन्हें चेतावनी देते हुए आगे ऐसा न करने की बात कही थी। कांग्रेस प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता का कहना है कि आयोग का यह फैसला बहुत ही पक्षपातपूर्ण और नैसर्गिक सिद्दांत के खिलाफ है। देश की जनता आयोग पर विश्वास करती है, उसका यह फैसला उनके विश्वास पर आघात है।