असम में शुक्रवार को भी बाढ़ की स्थिति गंभीर है और चक्रवात रेमल के प्रभाव के चलते लगातार हुई बारिश के कारण नौ जिलों में दो लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि 28 मई से राज्य में बाढ़, बारिश और तूफान की वजह से कुल मिलाकर छह लोगों की मौत हो गई। नागांव, करीमगंज, हैलाकांडी, पश्चिम कार्बी आंगलोंग, कछार, होजाई, गोलाघाट, कार्बी आंगलोंग और दीमा हसाओ जिले इस प्राकृतिक आपदा से गंभीर रूप से प्रभावित हुए।
मेघालय के लमस्लम क्षेत्र में भारी बारिश के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग-6 का 20 मीटर हिस्सा बह जाने से बराक घाटी के कछार, करीमगंज और हैलाकांडी जिलों का राज्य के अन्य हिस्सों और पूर्वोत्तर क्षेत्र से सड़क संपर्क टूट गया है और वाहन फंसे हुए हैं।
कछार में सबसे अधिक 1,12,246 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं, इसके बाद करीमगंज में 37,000, होजई में 22,058 और हैलाकांडी में 14,308 लोग प्रभावित हैं। बाढ़ की वजह से 3238.8 हेक्टेयर फसल क्षेत्र भी जलमग्न हो गया है, जबकि 2,34,535 जानवर प्रभावित हुए हैं।
ब्रह्मपुत्र और बराक नदियां और इनकी सहायक नदियां बाढ़ प्रभावित जिलों में कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।किकुल मिलाकर 35,640 प्रभावित लोगों ने 110 राहत शिविरों में शरण ली है, जिनमें से सबसे अधिक 19,646 होजई में, इसके बाद कछार में 12,110, हैलाकांडी में 2,060 और करीमगंज में 1,613 लोग राहत शिविरों में हैं।
अधिकारियों ने कहा कि बराक घाटी और दीमा हसाओ के तीन जिलों में जनजीवन ठप हो गया। भारत मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार चक्रवात रेमल के प्रभाव के कारण दक्षिण-पश्चिम मानसून अपने निर्धारित समय से पहले असम और पूर्वोत्तर क्षेत्र के अन्य हिस्सों में प्रवेश कर गया है।
आईएमडी ने अगले दो दिनों में गोलपाड़ा, बोंगाईगांव, सोनितपुर, बिश्वनाथ, डिब्रूगढ़, करीमगंज, कछार, हैलाकांडी, दीमा हसाओ, धुबरी और दक्षिण सलमारा जिलों में भारी बारिश और तूफान की चेतावनी जारी की है।