नई दिल्ली। किसी समय भारतीय जनता पार्टी के एजेंडे में प्रमुखता से शामिल राम मंदिर और धारा 370 जैसे विवादित मुद्दों के समाधान के लिए भाजपा को लोकसभा में 370 सीटें चाहिए। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि 370 सीटें मिले बगैर इन मसलों का समाधान नहीं हो सकता। मोदी सरकार का एक साल पूरा होने के मौके पर पार्टी मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में पत्रकारों ने अमित शाह से पूछा कि साल होने के बाद भी पार्टी के अहम मुद्दों पर कोई प्रगति नहीं हुई है। इस पर उन्होंने कहा कि कोर मुद्दों को सुलझाने के लिए पार्टी को लोकसभा में दो तिहाई बहुमत यानी 370 सीटें चाहिए।
हालांकि, विपक्षी दलों ने अमित शाह के इस बयान को भी उनकी जुमलेबाजी करार दिया है। मोदी सरकार की एक वर्ष की उपलब्धियों को लोगों तक पहुंचाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा हमारे कार्यकर्ता जून, जुलाई और अगस्त में आठ करोड़ घरों तक पहुंचने का पूरा प्रयास करेंगे। शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने आधारभूत ढांचे के विकास पर विशेष जोर दिया है। भाजपा अध्यक्ष ने इस अवसर पर सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करने वाली पुस्तिका को भी जारी किया जिसे 12 भाषाओं में लाया गया है।
गाैरतलब है कि भाजपा के कोर मुद्दों में अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण, कश्मीर से धारा 370 को हटाना, देश में समान नागरिक संहिता लागू करना शामिल है। चुनाव से पहले भाजपा ने इन मुद्दों को जोरशोर से उठाया था, लेकिन पिछले एक साल से ये मसले ठंडे बस्ते में हैं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का कहना है कि 30 साल बाद किसी पार्टी को केंद्र में पूर्ण बहुमत मिला। चुनाव से पहले देश को प्रधानमंत्री पर और प्रधानमंत्री को कैबिनेट पर भरोसा नहीं था। लेकिन मोदी सरकार ने विश्वास के संकट को खत्म किया। उन्होंने विश्वास के इस संकट को खत्म होना ही सरकार की बड़ी उपलब्धि करार दिया है।
पहले खोजनी पड़ती थी सरकार
अमित शाह ने मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि यह सरकार विजि़बल सरकार रही है। पहले सरकार को ढूंढना पड़ता था। अब शायद मीडिया से भी आगे आकर सरकार प्रोएक्टिव होकर जनता की दिक्कत के समय में जनता के साथ दिखाई पड़ रही है। जम्मू-कश्मीर में बाढ़ आती है तो कुछ ही घंटों में वहां मंत्री और प्रधानमंत्री दिखाई पड़ते हैं। पड़ोसी देश नेपाल में अगर भूकंप आता है तो तुरंत ही सरकार प्रोएक्टिव होकर नेपाल में दिखाई देती है। तमिलनाडु में यदि भारतीय मछुआरों पर संकट आता है, फांसी दी जाती है तो भारत सरकार हस्तक्षेप करती है। किसी क्रिश्चन पादरी को अफगानिस्तान में अगवा किया जाता है तो भारत सरकार दखल करके उसको छुड़ाकर लाती है।