दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता आतिशी ने सोमवार को आरोप लगाया कि राजधानी में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद निजी स्कूलों ने मनमानी फीस वृद्धि की है।
उन्होंने कहा, "जब हमारी पार्टी 10 साल तक सरकार में थी, तब फीस वृद्धि पर एक सीमा थी। यदि ऑडिट के दौरान कोई विसंगति पाई जाती थी तो स्कूलों को अतिरिक्त राशि वापस करने के लिए कहा जाता था। कई पूर्व छात्रों को उनकी फीस वापस कर दी गई थी। स्कूलों को अपनी फीस बढ़ाने से पहले दिल्ली सरकार से अनुमति लेनी होती थी।"
उन्होंने दावा किया कि बड़ी संख्या में अभिभावक आप नेताओं से संपर्क कर रहे हैं और उनसे हस्तक्षेप करने की मांग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "हर दिन हम अलग-अलग स्कूलों में फीस बढ़ोतरी के बारे में सुन रहे हैं। अभिभावक हमसे संपर्क कर रहे हैं, ईमेल लिख रहे हैं और इसे रोकने का अनुरोध कर रहे हैं। क्यों? क्योंकि वे जानते हैं कि भाजपा सरकार उनकी मदद नहीं करेगी।"
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को सीधी चुनौती देते हुए आतिशी ने मांग की कि सरकार नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) से निजी स्कूलों का ऑडिट कराए।
उन्होंने कहा, "अगर भाजपा सरकार और निजी स्कूलों के बीच कोई मिलीभगत नहीं है, तो फीस वृद्धि पर रोक लगाएं। मैं सरकार से अनुरोध करती हूं कि वह सीएजी ऑडिट कराए और उसके बाद ही स्कूलों को फीस बढ़ाने की अनुमति दे।"