पश्चिम बंगाल में मुकुल रॉय की तृणमूल कांग्रेस में वापसी के बाद अब राज्य के पूर्व वन मंत्री राजीब बनर्जी के लौटने की अटकलें तेज हो रही हैं। लगातार दूसरे दिन वह टीएमसी के नेताओं के घर की ओर रुख करते नजर आए हैं। वहीं दूसरी ओर प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने रविवार अपने ट्विट में दूसरी पार्टी से आए नेताओं को वापस पुरानी पार्टी में जाने के लिए हरी झंडी दिखा दी।
उन्होंने बांग्ला भाषा में ट्विट किया कि अगर किसी को भाजपा में रहना है, तो उसे बलिदान देना होगा। जो केवल सत्ता का आनंद लेना चाहते हैं, वे भाजपा में नहीं रह सकते। हम उन्हें नहीं रखेंगे। घोष के सुर से सुर मिलाते हुए भाजपा के राष्ट्रीय सचिव और पूर्व सांसद अनुपम हाजरा ने भी कहा कि जो सदस्य इस वक्त पार्टी के संग खड़े होने को तैयार नहीं हैं, जब इसके कई कार्यकर्ता टीएमसी के हमलों का सामना कर रहे हैं और बेघर हो रहे हैं, वे जाने के लिए स्वतंत्र हैं।
राजीब बनर्जी पर निशाना साधते हुए हाजरा ने कहा कि उनके जैसे नेताओं ने टीएमसी की जीत के तुरंत बाद उसकी प्रशंसा करनी शुरू कर दी है। पार्टी को उनकी जरूरत नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि वह अपनी पार्टी का समर्थन करना जारी रखेंगे।
राजीब बनर्जी पर निशाना साधते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता तथागत रॉय ने ट्विट किया कि भाजपा में स्वागत होने के बाद उन्होंने उसके अखिल भारतीय नेताओं तक पहुंच प्राप्त की, राज्य भाजपा के सीधे साधे लोगों के साथ घुले मिले, पार्टी और इसके आंतरिक चीजों के बारे में सब कुछ जाना और वपास चले गए।
टीएमसी की ओर से भी बयान जारी किया गया है। पार्टी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा है कि कई लोगों ने वापीस की इच्छा जाग्रित की है, लेकिन हमारी अध्यक्ष ममता बनर्जी अंतिम निर्णय लेंगी। टीएमसी के वरिष्ठ नेता सौगत रॉय ने भी कहा कि अगर दिलीप घोष में थोड़ा भी आत्म सम्मान और जवाबदेही होती तो वह अपनी पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद पद से इस्तीफा दे देते।
बता दें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान तृणमूल कांग्रेस के कई नेता भारतीय जनता पार्टी में आ गए थे। इस चुनाव में टीएमसी ने लगातार तीसरी बार अभूतपूर्व जीत हांसिल की। जिसके बाद भाजपा में आए नेता फिर से टीएमसी में जाने की तैयारी कर रहे हैं।