पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह मंगलवार को फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्होंने करीब एक दशक तक भारतीय जनता पार्टी में रहने के बाद कांग्रेस में वापसी की है। उनकी पत्नी और पूर्व विधायक प्रेमलता भी कांग्रेस में शामिल हुईं। बीरेंद्र सिंह और उनकी पत्नी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पार्टी महासचिव रणदीप सुरजेवाला, हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष उदयभान और कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
बीरेंद्र सिंह ने सोमवार को कहा था कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) छोड़ दी है और वह कांग्रेस में शामिल होंगे। इससे करीब एक महीने पहले उनके पुत्र बृजेन्द्र सिंह भाजपा छोड़कर विपक्षी दल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेम लता 2014-2019 तक विधायक रह चुकी हैं। बीरेंद्र सिंह कांग्रेस के साथ अपने चार दशक से अधिक पुराने रिश्ते को तोड़कर लगभग 10 साल पहले भाजपा में शामिल हुए थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली पहली सरकार में बीरेंद्र सिंह केंद्रीय इस्पात मंत्री थे। उन्होंने ग्रामीण विकास, पंचायती राज और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री का कार्यभार भी संभाला। किसान नेता सर छोटू राम के पोते बीरेंद्र सिंह ने कई मुद्दों पर भाजपा की लाइन को चुनौती दी थी और अब निरस्त किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को समर्थन दिया था।
वरिष्ठ नेता ने कहा कि उन्होंने पार्टी मंचों पर किसानों के आंदोलन का मुद्दा उठाया था और आग्रह किया था कि उनकी शिकायतों का समाधान किया जाए। उन्होंने कहा, "मुझे लगा कि जब मैं सुझाव दे रहा था, तो उन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा था।" अक्टूबर 2023 में जींद में एक रैली को संबोधित करते हुए बीरेंद्र सिंह ने घोषणा की थी कि अगर हरियाणा में जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के साथ भाजपा का गठबंधन जारी रहा तो वह पार्टी छोड़ देंगे। 12 मार्च को भाजपा ने जेजेपी से अपने संबंध तोड़ लिए और राज्य में नया मुख्यमंत्री बना दिया।