विभिन्न मांगों को लेकर पंजाब, मध्यप्रदेश समेत देश के सात राज्यों में किसान हड़ताल पर हैं। किसानों ने एक जून से 10 जून ‘गांव बंद’ का ऐलान किया है। इन सबके बीच जब केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह से मीडिया ने जब सवाल किया तो उन्होंने इसे लेकर एक विवादित बयान दे डाला। कृषि मंत्री ने कहा कि मीडिया में आने के लिए किसान ऐसा करते हैं।
पटना में एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि देश में 12-14 करोड़ किसान हैं। किसी भी संगठन में हज़ार, डेढ़ हजार, दो हजार किसान स्वाभाविक है और मीडिया में आने के लिए कुछ अनोखा काम करना ही पड़ता है। जो ना होता हो तो ये स्वाभाविक है, लेकिन उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार की चर्चा करते हुए कहा कि वहां के शिवराज सरकार ने जितना किसानों के किए काम किया है उतना किसी अन्य सरकार ने नहीं किया है।
Desh mein 12-14 Crore kisaan hain. Kisi bhi sangathan mein 1000-2000 kisaan svabhavik hain aur media mein aane ke liye anokha kaam karna hi padta hai: Radha Mohan Singh, Union Minister of Agriculture & Farmers Welfare on 10 days 'Kisan Avkash' strike pic.twitter.com/9IKnF53LV1
— ANI (@ANI) June 2, 2018
‘गांव बंद’ के दौरान एक जून से 10 जून तक किसान अपने उत्पादन (फल, सब्जी, दूध और अनाज) शहर नहीं भजेंगे। राष्ट्रीय किसान महासंघ की अगुवाई में करीब 170 किसान संगठन इसमें भाग ले रहे हैं, जिसके चलते आंदोलन के एक दिन पहले से ही थोक व्यापारी, फुटकर व्यापारी और ग्राहक आंदोलन को लेकर सचेत हो गए थे।
मध्यप्रदेश के मंदसौर में किसानों ने शहर से बाहर फल और सब्जियों को भेजे जाने पर रोक लगा दी है। किसानों ने यह आंदोलन सरकार द्वारा किए गए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) भुगतान के वादे को जल्द से जल्द पूरा करने को लेकर किया है। आंदोलन शुरू करने से पहले किसान मंदिर पहुंचे और भगवान का दूध से अभिषेक किया।
क्या हैं किसानों की मांग?
पंजाब के फरीदकोट में किसानों ने अपनी सब्जियां, फल और दूध को सड़क पर फेंक दिया है और इनकी आपूर्ति शहरों में करने पर रोक लगा दी है। किसानों की मांग है कि उनके ऋण को माफ किया जाए और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाए। पिछले साल 6 जून को मंदसौर में हड़ताल कर रहे किसानों पर फायरिंग की गई थी। 10 दिनों की हड़ताल के चलते मंदसौर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। किसानों का कहना है कि वह किसान अवकाश के दौरान शहरों तक फल, सब्जियां और अनाज की आपूर्ति नहीं करेंगे।