उसके बाद से पार्टी के अंदर उठापटक और तेज हो गई है। शिवपाल जहां सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव से मिलने दिल्ली पहुंच गए वहीं अखिलेश ने दिल्ली जाने से मना कर दिया। लखनऊ में मीडिया से बात करते हुए अखिलेश ने कहा कि झगड़ा सरकार का है, परिवार का नहीं और घर के बाहर के लोग अगर हस्तक्षेप करेंगे तो पार्टी कैसे चलेगी। उन्होने यह भी कहा कि परिवार में नेताजी की बात सभी मानते हैं और मैंने भी नेताजी की बात मानी है। अखिलेश ने यह भी कहा कि कुछ निर्णय उन्होने स्वयं लिए हैं।
कुछ समय से चल रहे विवादों के बीच अचानक मंगलवार को अखिलेश यादव ने प्रदेश के मुख्य सचिव दीपक सिंघल को हटा दिया। सिंघल अखिलेश के चाचा कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव के करीबी माने जाते हैं। इसके बाद मुलायम ने बेटे अखिलेश से प्रदेश सपा अध्यक्ष का पद छीनकर शिवपाल को दे दिया लेकिन कुछ ही घंटों में अखिलेश ने चाचा के महत्वपूर्ण मंत्रालय लोक निर्माण विभाग, सिंचाई और सहकारिता विभाग उनसे छीन लिये। इसको लेकर बुधवार को भी गहमागहमी जारी रही।