महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में मराठा आरक्षण पर बुधवार को हुई सर्वदलीय बैठक में सभी राजनीतिक दल मराठा आरक्षण देने पर राज्य सरकार के साथ खड़े हैं। मुंबई में बैठक के बाद सीएम शिंदे ने कहा, महाराष्ट्र सरकार मराठा आरक्षण के पक्ष में है।
महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, ''सर्वदलीय बैठक में सभी इस बात पर सहमत हुए कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना चाहिए। यह निर्णय लिया गया कि आरक्षण कानून के दायरे में होना चाहिए और अन्य समुदायों के साथ अन्याय किए बिना होना चाहिए।"
Maharashtra CM Eknath Shinde says,"...In the all-party meeting, everyone agreed that the Maratha community should get reservation...It was decided the reservation should be within the framework of the law and without doing injustice to other communities." https://t.co/GSJ9IYSNs1
— ANI (@ANI) November 1, 2023
महाराष्ट्र के सीएम ने कहा, "इसके लिए समय दिया जाना चाहिए, ये सभी ने तय किया। जो भी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हो रही हैं, उनको लेकर सभी ने नाराजगी जताई है। तीन रिटायर जजों की एक कमेटी बनाई गई है। पिछड़ा वर्ग आयोग युद्ध स्तर पर काम कर रहा है। जल्द ही मराठा समुदाय को न्याय देने के लिए फैसले लिए जाएंगे। समय देने की जरूरत है और मराठा समुदाय को भी धैर्य रखना चाहिए।''
उन्होंने आगे कहा, "मैं मनोज जारांगे पाटिल से अनुरोध करता हूं कि सरकार के प्रयासों पर भरोसा रखें। यह विरोध एक नई दिशा लेने लगा है। आम लोगों को असुरक्षित महसूस नहीं करना चाहिए। मैं सभी से शांति बनाए रखने और राज्य सरकार के साथ सहयोग करने का अनुरोध करता हूं।"
#WATCH | Mumbai: After the all-party meeting on the Maratha reservation, Maharashtra CM Eknath Shinde says, "...I request Manoj Jarange Patil to have faith in the efforts of the government...This protest has started taking a new direction...Common people should not feel insecure.… pic.twitter.com/PRjiXKZaZD
— ANI (@ANI) November 1, 2023
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि कार्यकर्ता जारांगे को मराठा समुदाय के लिए कोटा सुनिश्चित करने में सरकार के साथ सहयोग करना चाहिए। सीएम ने कहा कि मराठों को संयम बरतना चाहिए। शिंदे ने कहा, सरकार को आरक्षण लागू करने के लिए कानूनी तौर-तरीकों के लिए समय चाहिए।
बता दें कि बैठक में नेताओं ने एक प्रस्ताव पारित कर कार्यकर्ता मनोज जारांगे से अपना अनिश्चितकालीन अनशन खत्म करने को कहा। प्रस्ताव पर सीएम शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) नेता अनिल परब, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार, विधान परिषद में एलओपी अंबादास दानवे सहित अन्य ने हस्ताक्षर किए।
सह्याद्री गेस्ट हाउस में आयोजित बैठक में राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सुप्रीमो शरद पवार, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल, चंद्रकांतदादा पाटिल, छगन भुजबल, दिलीप वलसे पाटिल, गिरीश महाजन, दादाजी भुसे मौजूद थे।
उनके अलावा, विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे, विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार और अपने-अपने दलों के कई नेता सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए। हालांकि, संजय राउत ने बताया था कि बैठक के लिए उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना (यूबीटी) गुट के किसी नेता को आमंत्रण नहीं दिया गया था।
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में राज्य के कई हिस्सों में हिंसा की घटनाएं देखी गई है। मराठवाड़ा के पांच जिलों में सरकारी बस सेवाएं पूरी तरह से निलंबित कर दी गई हैं, जबकि बीड के कुछ हिस्सों में सोमवार को कर्फ्यू और इंटरनेट बंद कर दिया गया, जहां प्रदर्शनकारियों ने राजनीतिक नेताओं के घरों को निशाना बनाया था।
सीएम ने लोगों से हिंसा न करने की अपील की है और राजनीतिक दलों से भी ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल होने से बचने को कहा है जिससे स्थिति खराब हो। महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को एक आदेश प्रकाशित कर संबंधित अधिकारियों से योग्य मराठा समुदाय के सदस्यों को नए कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करने को कहा, जिससे उनके लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत आरक्षण लाभ प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त हो सके।
एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) ने अधिकारियों से कुनबियों के संदर्भ वाले पुराने दस्तावेजों का अनुवाद करने और उर्दू और 'मोदी' लिपि (जिसका उपयोग पहले के समय में मराठी भाषा लिखने के लिए किया जाता था) में लिखा गया था, का अनुवाद करने के लिए कहा। इन दस्तावेज़ों को डिजिटाइज़ किया जाएगा, प्रमाणित किया जाएगा और फिर सार्वजनिक डोमेन में डाला जाएगा।
कृषि से जुड़ा समुदाय कुनबी, महाराष्ट्र में ओबीसी श्रेणी के अंतर्गत आता है और शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण लाभ का आनंद लेता है।
जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव में आरक्षण की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन उपवास कर रहे जारांगे ने मंगलवार को कहा कि मराठा समुदाय "अधूरा आरक्षण" स्वीकार नहीं करेगा और महाराष्ट्र सरकार को इस मुद्दे पर राज्य विधानमंडल का एक विशेष सत्र बुलाना चाहिए। उन्होंने धमकी दी है कि अगर मराठा समुदाय को "पूर्ण" कोटा नहीं दिया गया तो वे बुधवार शाम से पानी पीना बंद कर देंगे।