सरकार ने 30 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के सांसदों को कश्मीर के मौजूद हालत की जानकारी देने के लिए आज एक बैठक बुलायी थी। बैठक के बाद कांग्रेस और माकपा के नेताओं ने कहा कि कल से शुरू हो रही जम्मू-कश्मीर की दो दिन की यात्रा के दौरान सभी हितधारकों से संपर्क किया जाना चाहिए। माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, सरकार के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत के लिए हुर्रियत को आमंत्रित करना चाहिए... दूसरों को भेजा गया आमंत्राण हुर्रियत को भी दिया जाना चाहिए। यह उन पर निर्भर करता है कि वे प्रतिनिधिमंडल से मिलना चाहते हैं या नहीं।
उन्होंने कहा कि सरकार को इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत के आधार पर शांति वार्ता पहल करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद आगे की कार्रवाई के तौर पर पैलेट गन पर प्रतिबंध लगाने, नागरिक क्षेत्राों से अफ्स्पा हटाने, पुनर्वास और हाल की हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए मुआवजा के पैकेज जैसी ठोस घोषणाएं करनी चाहिए। आठ जुलाई को एक मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से कश्मीर में अशांति है। प्रतिनिधिमंडल घाटी में शांति बहल करने के उद्देश्य से लोगों एवं समूहों से बातचीत करेगा। राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि संप्रग सभी हितधारकों के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है।