चुनाव आयोग ने नमो टीवी को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को झटका दिया है। चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि जिस क्षेत्र में मतदान होने वाला है वहां 48 घंटे पहले कोई भी रिकॉर्डेड शो नहीं दिखाया जा सकेगा। हालांकि चुनाव आयोग ने कहा लाइव शो कवरेज दिखाया जा सकेगा। राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्तों (सीईसी) को इसका सख्ती से पालन करने की सूचना दी गई है। आयोग चैनल की मॉनिटरिंग करेगा।
चुनाव आयोग ने क्या कहा
चुनाव आयोग ने अपने निर्देश में कहा कि मतदान अवधि से पहले 48 घंटे के दौरान ऐसा कोई कंटेंट नहीं दिखा या अपलोड कर सकते जिससे मतदाता पर असर हो। लाइव या रिकॉर्डेड कार्यक्रम भी अपडेट कर नहीं दिखा सकते। इसे लेकर आयोग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को पत्र लिखा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स भी इसके दायरे में होंगे।
भाजपा चला रही है नमो टीवी
इससे पहले दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) ने भाजपा को बिना उसकी मंजूरी चैनल पर कोई कार्यक्रम नहीं प्रसारित करने का निर्देश दिया था। सीईओ ने कहा था कि नमो टीवी भाजपा चला रही है, ऐसे में प्रसारित किए जाने वाले सभी रिकॉर्डेड कार्यक्रमों को मीडिया प्रमाणन और दिल्ली के निगरानी समिति द्वारा पूर्व प्रमाणित किया जाना चाहिए और पूर्व-प्रमाणन के बिना प्रदर्शित सभी राजनीतिक प्रचार सामग्री को तुरंत हटा दिया जाना चाहिए।
सीईओ ने लिखी थी चिट्ठी
चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश के बाद दिल्ली के सीईओ ने भाजपा को चिट्ठी लिखकर बिना मंजूरी वाली सभी राजनीतिक सामग्री हटाए जाने को तय करने को कहा। साथ ही अधिकारियों ने बताया कि एहतियातन दो अधिकारियों को नमो टीवी देखने और इसकी सामग्री की निगरानी के लिए तैनात किया गया है। इसके बाद भाजपा ने भरोसा दिया था कि आगे से चैनल पर गैर-प्रमाणित कंटेंट नहीं दिखाया जाएगा।
‘आप’ और कांग्रेस ने की थी शिकायत
नमो टीवी के खिलाफ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद चुनाव आयोग ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से नमो टीवी पर विस्तृत जवाब मांगा था।
मार्च के अंत में लॉन्च हुए नमो टीवी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजनीतिक संक्षिप्त नाम का इस्तेमाल किया गया और यह उनकी रैलियों और भाषणों के लिए समर्पित है। मोदी और बीजेपी दोनों ने सोशल मीडिया पर नमो टीवी को प्रमोट किया था।