राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) नेता इंद्रेश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट की बेंच द्वारा अयोध्या मामले की सुनवाई अगले साल जनवरी तक स्थगित करने की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि बेंच ने न्याय में 'देरी' की है और संविधान का 'अपमान' किया है।
आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने हाल में एक कार्यक्रम में कहा, 'मैंने किसी का नाम नहीं लिया है क्योंकि 125 करोड़ भारतीय उनके नाम जानते हैं। तीन जजों की बेंच वहां पर थी, उन्होंने देरी की, इंकार किया, उन्होंने अपमान किया है। ये उन्होंने अनुचित किया है. उन्होंने संविधान और मौलिक अधिकार का अपमान किया है।'
हाई कोर्ट के फैसले को दी गई है चुनौती
सुप्रीम कोर्ट ने 29 अक्टूबर को राम जन्मभूमि विवाद मामले की सुनवाई के लिए किसी उचित बेंच के लिए सूचीबद्ध करने का आदेश दिया था। यह उचित बेंच इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा विवादित स्थल को तीन भागों में बांटने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए जनवरी 2019 में तारीख तय करेगी। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था, 'हमारी अपनी प्राथमिकताएं हैं. मामला जनवरी, फरवरी या मार्च में कब आएगा, यह फैसला उचित पीठ को करना होगा।'
इलाहाबाद होई कोर्ट ने 2010 के अपने फैसले में विवादित स्थल को तीन भागों- रामलला, निर्मोही अखाड़ा और मुस्लिम पक्षकारों में बांटा था।
अध्यादेश लाने के लिए हुए कई कार्यक्रम
रविवार को आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद और शिवसेना ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर अयोध्या, नागपुर और बेंगलुरू में कई जगहों पर कार्यक्रम आयोजित किए थे ताकि सरकार पर मंदिर निर्माण को लेकर अध्यादेश लाने का दबाव बनाया जा सके।