बसपा सुप्रीमो मायावती ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के सेना और संघ के स्वयंसेवकों के बीच कथित तुलना को लेकर दिए बयान को 'अपमानजनक' करार दिया है ।
मायावती ने भागवत के बयान को अत्यंत आपत्तिजनक एवं अपमानजनक करार देते हुए आज कहा, 'अगर भागवत को अपने मिलिटेन्ट स्वयंसेवकों पर इतना ज्यादा भरोसा है, तो उन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए सरकारी खर्चे पर विशेष कमाण्डो क्यों ले रखे हैं?'
भागवत द्वारा बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में अपने सम्बोधन के दौरान संघ स्वयंसेवकों को सेना से बेहतर बताने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मायावती ने लखनऊ एक बयान में कहा कि ऐसे समय में जबकि भारतीय सेना को विभिन्न प्रकार की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, संघ प्रमुख का बयान सेना का मनोबल गिराने वाला है, जिसकी इजाजत उन्हें कतई नहीं दी जा सकती।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि भागवत को अपनी गलत बयानबाजी के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'वैसे भी मोहन भागवत को आरएसएस स्वंयसेवकों के सम्बंध में यह भ्रम अब दूर कर लेना चाहिए कि वे लोग निःस्वार्थ काम कर रहे हैं क्योंकि संघ अब एक सामाजिक संगठन नहीं रहकर राजनीतिक संगठन बनता जा रहा है। संघ के स्वंयसेवक सामाजिक सेवा को ताक पर रखकर पूरी तरह से भाजपा की चुनावी राजनीति करने में ही व्यस्त नजर आते हैं।